#BREAKING LIVE :
मुंबई हिट-एंड-रन का आरोपी दोस्त के मोबाइल लोकेशन से पकड़ाया:एक्सीडेंट के बाद गर्लफ्रेंड के घर गया था; वहां से मां-बहनों ने रिजॉर्ट में छिपाया | गोवा के मनोहर पर्रिकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरी पहली फ्लाइट, परंपरागत रूप से हुआ स्वागत | ‘भेड़िया’ फिल्म एक हॉरर कॉमेडी फिल्म | शरद पवार ने महाराष्ट्र के गवर्नर पर साधा निशाना, कहा- उन्होंने पार कर दी हर हद | जन आरोग्यम फाऊंडेशन द्वारा पत्रकारो के सम्मान का कार्यक्रम प्रशंसनीय : रामदास आठवले | अनुराधा और जुबेर अंजलि अरोड़ा के समन्वय के तहत जहांगीर आर्ट गैलरी में प्रदर्शन करते हैं | सतयुगी संस्कार अपनाने से बनेगा स्वर्णिम संसार : बीके शिवानी दीदी | ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आरती त्रिपाठी हुईं सम्मानित | पत्रकार को सम्मानित करने वाला गुजरात गौरव पुरस्कार दिनेश हॉल में आयोजित किया गया | *रजोरा एंटरटेनमेंट के साथ ईद मनाएं क्योंकि वे अजमेर की गली गाने के साथ मनोरंजन में अपनी शुरुआत करते हैं, जिसमें सारा खान और मृणाल जैन हैं |

‘पहले क्या वह नैतिकता भूल गए थे’, उद्धव ने मांगा इस्तीफा तो भड़के शिंदे और फडणवीस, कही ये बात

87

विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से पहले उद्धव ठाकरे के इस्तीफा देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किए थे, जिस पर उद्धव ने कहा था कि एकनाथ शिंदे ने उनकी पीठ में छुरा घोंपा। गद्दार लोगों के साथ सरकार कैसे चलाता। ऐसे में नैतिकता के आधार पर मैंने इस्तीफा दे दिया। इस पर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पलटवार किया है। फडवीस ने कहा कि नैतिकता की बात करना उद्धव ठाकरे को शोभा नहीं देता। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि जब वह एनसीपी और कांग्रेस के साथ सीएम पद के लिए गए तो क्या वह अपनी नैतिकता भूल गए थे? उन्होंने कहा कि ठाकरे ने नैतिक के आधार पर इस्तीफा नहीं दिया था, बल्कि डर के कारण जो लोग उनके साथ थे, उन्हें छोड़ दिया। भाजपा नेता ने आगे कहा कि यह लोकतंत्र और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की जीत है। हम सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले से संतुष्ट हैं। आज महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की साजिश नाकाम हो गई है। अब, किसी को भी संदेह नहीं होना चाहिए कि महाराष्ट्र सरकार पूरी तरह से कानूनी है। महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि क्या उद्धव ठाकरे सुप्रीम कोर्ट या ECI से ऊपर हैं कि वह हमें अपना कोई अन्य पदाधिकारी नियुक्त नहीं करने देंगे और हमें शिवसेना नाम का उपयोग नहीं करने देंगे। उन्होंने आगे कहा कि नैतिकता की बात अब करने से अच्छा तब करनी चाहिए थी जब चुनाव हुआ था। तब अगर लोगों का निर्णय देखते हुए नैतिकता की बात करते तो भाजपा-शिवसेना की सरकार बन जाती लेकिन इन्होंने कुर्सी पाने के लिए फैसला लिया। शिंदे ने आगे कहा कि इस्तीफा आपने (उद्धव ठाकरे) दिया था। आपके पास अल्पमत था, कितने लोग बचे थे? उन्हें पता था उनकी हार हो जाएगी और तब राज्यपाल ने निर्णय लिया जो सही था। उन्होंने कहा कि हमने शिवसेना और बालासाहेब की विचारधारा को बचाने का काम किया है। बता दें, उद्धव ने कहा कि एकनाथ शिंदे ने उनकी पीठ में छुरा घोंपा। उन्होंने कहा कि जिन्हें पार्टी ने सबकुछ दिया उन्होंने ही गद्दारी की। गद्दार लोगों के साथ सरकार कैसे चलाता। ऐसे में नैतिकता के आधार पर मैंने इस्तीफा दे दिया। उद्धव ने मांग की थी कि जैसे मैंने नैतिकता का पालन किया था, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अगर वर्तमान के मुख्यमंत्री (एकनाथ शिंदे) में जरा भी नैतिकता हो तो ये तुरंत इस्तीफा दे दें।

विपक्षी एकता पर क्या बोले उद्धव?

उद्धव ने नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद कहा कि इस देश में प्रजातंत्र की रक्षा करना हमारा काम है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर मैं इस्तीफा नहीं देता तो शायद मैं फिर मुख्यमंत्री बन जाता। मैं मेरे लिए नहीं लड़ रहा, मेरी लड़ाई जनता के लिए, देश के लिए है। राजनीति में मतभेद होते रहते हैं लेकिन हमारा एक मत यह है कि इस देश को बचाना है। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि पूरे देश में अधिक से अधिका पार्टियां एकजुट हों, मिलकर हम सब लड़ेंगे। आज जो केंद्र में है वे देश के लिए कोई काम नहीं कर रहे हैं इसलिए देश के हित में हम सब मिलकर लड़ेंगे। अब यह तय होगा कि कब सबकी मीटिंग होगी।”

1 Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *