सरकार की नीतियां लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ अहम माध्यम बन चुका है। इसने मंगलवार को अपने प्रसारण के 9 साल पूरे किए। आईआईएम बैंगलोर और एसबीआई के आर्थिक विभाग ने इस मौके पर एक विशेष रिपोर्ट जारी कर बताया कि लोगों द्वारा सरकारी योजनाओं व सामाजिक पहल को अपनाने में भी इस कार्यक्रम से मदद मिल रही है। पीएम मोदी ने भी एक्स पर इस रिपोर्ट का उल्लेख कर कहा कि इसमें 9 साल पूरे कर चुके कार्यक्रम की मन की बात से जुड़ी रोचक जानकारियों और सामाजिक प्रभावों को सामने रखा गया है। इस कार्यक्रम में कई सामूहिक प्रयासों और जीवन यात्राओं के उत्सव को असाधारण बताया। रिपोर्ट के अनुसार इस कार्यक्रम में जब पीएम मोदी ने पीएम मुद्रा, सुकन्या समृद्धि, जनधन खातों, डीबीटी, आदि की सफलता के बारे में बात की, गूगल पर इनकी खोज में तेजी आई। लोगों में जागरूकता बढ़ी और उन्होंने इन योजनाओं को ज्यादा संख्या में अपनाया।
उल्लेख के बाद गूगल पर जमकर सर्चिंग
इसी तरह सामाजिक कार्यक्रमों जैसे स्वच्छ भारत, सेल्फी विद डॉटर, न्यू इंडिया, अनसंग हीरोज, वोकल फॉर लोकल, हर घर तिरंगा, योग, खादी आदि को भी उनके द्वारा उल्लेख किए जाने के बाद गूगल पर खूब सर्च किया गया। सांस्कृतिक पहचानों का पीएम द्वारा नाम लेने भर से उनके बारे में जानने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। रिपोर्ट का दावा है कि पीएम मोदी द्वारा भ्रामक सूचनाओं को रोकने के लिए दिए संबोधनों ने कोविड महामारी के समय लोगों को मानसिकता को मजबूत किया, इससे महामारी से लड़ने में मदद मिली। रिपोर्ट के अनुसार स्वामी विवेकानंद के बारे में मन की बात में बताने के बाद उनसे जुड़ी गूगल सर्च में 25 प्रतिशत इजाफा हुआ। पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री को लेकर भी इसी तरह का इजाफा पिछले दो साल में हुआ है। सर्वपल्ली राधाकृष्णन को लेकर सर्च 64 प्रतिशत बढ़ीं। जलियांवाला बाग को लेकर सर्च भी पिछले 5 साल में 75 प्रतिशत बढ़ी। 4 हजार शब्द के करीब हर एपिसोड 15 से 40 मिनट के बीच होता है। तीन अक्तूबर 2014 को शुरू हुआ रेडियो कार्यक्रम, दूरदर्शन पर भी प्रसारण। हर महीने के आखिरी रविवार को पीएम मोदी इसमें अपने विजन व विचार रखते हैं। 3 अक्तूबर को 105वां एपिसोड प्रसारित हुआ। पीआईबी के अनुसार, 23 करोड़ लोग सीधा प्रसारण सुनते हैं, 41 करोड़ इसे अन्य मौकों पर सुनते या देखते हैं।