कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने सरकार को जनता के मूल मुद्दों से दूर रखने के लिए पीआर का इस्तेमाल किया। खरगे ने कहा कि जून में लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद लोग अब जवाब मांग रहे हैं। पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए खरगे ने कहा कि वह आगामी बजट सत्र के लिए कैमरे के साये में बैठकें कर रहे हैं। उन्हें देश के बुनियादी आर्थिक मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “देश की जनता को बेरोजगारी, महंगाई और असमानता के गर्त में धकेल कर आपकी सरकार ने करोड़ों लोगों का जीवन उजाड़ा है। आने वाले बजट के लिए जब आप कैमरे की छाया में बैठकें कर रहें हैं, तो देश के इन मूल आर्थिक मुद्दों पर भी गौर कीजिए। आपकी नाकामियों की लिस्ट बहुत लंबी है। 9.2% बेरोजगारी दर की वजह से युवाओं का भविष्य शून्य की ओर ताक रहा है। 20-24 वर्ष की आयु के लोगों के लिए, बेरोजगारी दर बढ़कर 40% हो गई है, जो युवाओं के बीच नौकरी के बाजार में गंभीर संकट को उजागर करती है।” उन्होंने आगे कहा, “किसानों की आय दोगुनी करने व लागत 50% एमएसपी का वादा झूठा निकला है। हाल ही में 14 खरीफ फसल के एमएसपी पर मोदी सरकार ने फिर ये साबित कर दिया कि उसे स्वामीनाथन रिपोर्ट की एमएसपी की सिफारिश को केवल चुनावी झुनझुने की तरह इस्तेमाल करना है। जिन सात पीएसयू में ज्यादातर सरकारी हिस्सेदारी बेची है, उनमें 3.84 लाख सरकारी नौकरियां छिनी है। इससे एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस आरक्षित पदों की नौकरियां भी छिनी है। 2016 से अब तक जो आपने 20 टॉप पीएमयू में थोड़ी हिस्सेदारी बेची है, उसमें 1.25 लाख लोगों की सरकारी नौकरियां गई है।”
जीडीपी पर भी केंद्र सरकार को घेरा
खरगे ने जीडीपी पर भी मोदी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, “जीडीपी के प्रतिशत के रूप में विनिर्माण यूपीए के कार्यकाल में 16.5% से गिरकर मोदी सरकार के दौरान 14.5% हो गया है। प्राईवेट निवेश में भी पिछले 10 वर्षों में जबरदस्त गिरावट आई है। नई निजी निवेश योजनाएं, जो जीडीपी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, अप्रैल से जून के बीच 20 साल के निचले स्तर पर गिरकर केवल 44,300 करोड़ रुपये रह गई। पिछले साल इस अवधि में 7.9 लाख करोड़ रुपये का निजी निवेश हुआ था। महंगाई का तांडव चरम पर है। आटा-दाल-चावल, दूध-चीनी, आलू-टमाटर-प्याज, खाने-पीने की सभी जरूरी वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं। नतीजा ये है कि परिवारों की घरेलू बचत 50 वर्षों में सबसे कम स्तर पर है।आर्थिक असमानता 100 वर्षों में सबसे ज्यादा है। ग्रामीण भारत में वेतन की बढ़ोतरी नेगेटिव पर है। ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और यह मई में 6.3% से बढ़कर अब 9.3% हो गई है। मनरेगा में कार्यरत मजदूरों के औसतन दिन कम हुए हैं।” कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा, “मोदी जी 10 साल हो गए। आपने अपने पीआर का इस्तेमाल कर सरकार को जनता के मूल मुद्दों से दूर रखा।” उन्होंने मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि अब ऐसा नहीं होगा। जनता सरकार से अब हिसाब मांग रही है। मोदी सरकार को अब देश की अर्थव्यवस्था से मनमाना खिलवाड़ अब बंद होना चाहिए।