निजता का हनन वैश्विक चिंता का विषय बन चुका है। इस पर अमेरिका सहित विश्व के तमाम विकसित देश भी अपनी परेशानी जाहिर कर चुके हैं। इस बीच केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि भारत सरकार इसे लेकर सतर्क है और अहम फैसले ले रही है। एक पुस्तक के विमोचन के दौरान केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि लैपटॉप के आयात को प्रतिबंधित करने का फैसला सुरक्षा संबंधी चिंताओं को देखते हुए लिया गया है। सरकार के फैसले के कारण कीमत या उनकी उपलब्धता में कोई परेशानी नहीं होगी। भारत सरकार उद्योग के साथ जुड़ने और अन्य विकल्पों पर विचार करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर सुरक्षा का मुद्दा है। भारत ने टेस्ला पर भी चीन के कारण रोक लगा दी थी। हम सुरक्षा को लेकर काफी सतर्क हैं। भारत को अपने विरोधियों से सतर्क रहना और अपनी रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने की जरूरत है। पीयूष गोयल ने कहा कि वर्तमान सरकार सुनने वाली सुलभ सरकार है। गोयल ने आगे कहा कि हमें पता है लैपटॉप हमारा साथी बन चुका है। रोजमर्रा के जीवन में लैपटॉप का इस्तेमाल होता है। लैपटॉप में हमारी गोपनीय जानकारियां हैं। हमारे सारे विशेषाधिकार लैपटॉप में हैं। इसलिए गोपनीय जानकारियां लीक होने के लिए लैपटॉप बेहतर विकल्प है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि एक दिन में टीवी देख रहा था तभी वह अचानक एचडीएमआई-एक पोर्ट पर चला गया। मुझे तो अपने फोन को लेकर भी डर लग रहा है, इसकी जांच करानी होगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने तीन बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों के मालिकों से संपर्क किया है। वे व्यक्तिगत रूप से मुझे फीडबैक दे रहे हैं। ओएनडीसी ने एक दिन में एक लाख लेनदेन का आंकड़ा छू लिया है। पीयूष गोयल ने आगे कहा कि कुछ लोग पूछते हैं कि यह तो छोटे विक्रेताओं के लिए है तो इसमें अमेजन, फ्लिपकार्ट, टाटा, एयरटेल और रिलायंस को शामिल क्यों कर रहे हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए गोयल ने कहा कि मेरा मानना है कि जनता को छोटी और बड़ी दोनों ही चीजों की आवश्यकता है। ओएनडीसी को सफल बनाने के लिए यह आवश्यक है। इससे उपभोक्ताओं को भी विकल्प मिलेंगे।
पीयूष गोयल बोले- गोपनीय जानकारियां लीक होने के डर से लैपटॉप का आयात बंद, कीमतों पर नहीं पड़ेगा फर्क
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