महाराष्ट्र के नागपुर में पुलिस को इस साल की शुरुआत में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को धमकी भरे फोन कॉल करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए जयेश पुजारी और अफसर पाशा के बीच संबंधों के सुराग मिले हैं। अफसर पाश बेंगलुरु आतंकी हमले के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद वर्तमान में कर्नाटक की जेल में बंद है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पुजारी उर्फ कांथा और शाकिर पहले पाशा के साथ कर्नाटक की बेलगावी जेल में बंद थे। जयेश पुजारी ने इस साल 14 जनवरी को नागपुर में गडकरी के जनसंपर्क कार्यालय को धमकी भरा फोन किया था। जिसमें 100 करोड़ रुपये की मांग की गई थी और दाऊद इब्राहिम गिरोह का सदस्य होने का दावा किया गया था। पुलिस ने कहा है कि उस समय वह पड़ोसी राज्य कर्नाटक की एक जेल में बंद था। उसने 21 मार्च को एक और फोन किया और धमकी दी कि अगर 10 करोड़ रुपये नहीं दिए गए तो वह नागपुर से भाजपा के लोकसभा सांसद को नुकसान पहुंचाएगा। पुजारी को 28 मार्च को बेलगावी की एक जेल से गिरफ्तार कर नागपुर लाया गया और उसके खिलाफ सख्त गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया था। नागपुर पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, इस मामले में नागपुर पुलिस की जांच में पुजारी और आतंकवादी बशीरुद्दीन नूर अहमद उर्फ अफसर पाशा के बीच संबंध का पता चला है। पाशा पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था। उन्होंने कहा कि पुजारी के जम्मू-कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के लिए आतंकवादियों की भर्ती के 2012 मामले में दोषी पाशा के साथ संबंध थे। अधिकारी ने बताया कि पाशा दिसंबर 2005 में बेंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) पर हुए आतंकी हमले में भी शामिल था और वर्तमान में बेलगावी में जेल की सजा काट रहा है। उन्होंने बताया कि पाशा को गिरफ्तार करने के लिए नागपुर पुलिस की एक टीम बेलगावी भेजी गई है। वहीं, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम ने मई में गडकरी को धमकी भरे फोन कॉल की जांच के लिए नागपुर का दौरा किया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय से हरी झंडी मिलने के बाद केंद्रीय एजेंसी ने मामले में आतंकी एंगल की जांच शुरू की है।
पुलिस को मिली सफलता, गिरफ्तार आरोपी जयेश और दोषी आतंकी पाशा के बीच संबंधों का मिला सुराग
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