महाराष्ट्र के अमरावती शहर में पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ एक हिंदू संत की आपत्तिजनक टिप्पणी ने विवाद खड़ा कर दिया। संत के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग करते हुए भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया, जिसमें 21 पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने बाद में गाजियाबाद के हिंदू संत यति नरसिंहानन्द महाराज के खिलाफ मामला दर्ज किया। पथराव में कम से कम 10 पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हो गई। यह घटना शुक्रवार की रात को नागपुरी गेट पुलिस स्टेशन के बाहरी इलाके में घटी। इस घटना पर 1200 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और उनमें से पुलिस ने 26 की पहचान कर ली है। अमरावती के पुलिस आयुक्त नवीन चंद्र रेड्डी ने इस घटना पर मीडिया से बात की। उन्होंने कहा, “गाजियाबाद के यति नरसिंहानंद महाराज के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए कुछ संगठनों के सदस्यों समेत बड़ी भीड़ रात करीब 8.15 बजे नागपुरी गेट पुलिस स्टेशन पर आई। पुलिस स्टेशन के इन चार्ज ने भीड़ को बताया कि उनकी मांग पर एक एफआईआर दर्ज कर ली गई है और फिलहाल मामले की जांच की जा रही है, जिसके बाद भीड़ वापस चली गई।” पुलिस आयुक्त रेड्डी ने कहा कि कुछ लोगों ने हिंदू संत की टिप्पणियों का वीडियो प्रसारित किया, जिसके बाद लोगों का एक बड़ी समूह पुलिस स्टेशन में वापस आया। जब पुलिस ने भीड़ को समझाने की कोशिश की, तब उन्होंने पथराव करना शुरू कर दिया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने स्थिति को संभाला और भीड़ को तितर-बितर किया। घटनास्थल पर अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को भेजा गया। उन्होंने आगे कहा, “हमले में कुछ पुलिसकर्मी और अधिकारी घायल हो गए और अब पुलिस भीड़ के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।”
इलाके में निषेधाज्ञा लागू
पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर नागपुरी गेट इलाके में पांच या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी है। पुलिस आयुक्त ने कहा, “1200 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिसमें से 26 लोगों की पहचान हो चुकी है। भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।” पुलिस फिलहाल उन लोगों की पहचान कर रही है जो इस दंगे में शामिल थे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमले में 21 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जबकि 10 पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हो गई।