कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने अपने एक बयान में कहा है कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा खुद करने से पीएम मोदी को ही नुकसान होगा। दरअसल शंकराचार्यों की कथित नाराजगी को लेकर मणिशंकर अय्यर ने यह बात कही। मणिशंकर अय्यर केरल लिटरेचर फेस्टिवल के सातवें संस्करण में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘मोदी द्वारा खुद राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने और धार्मिक अनुष्ठान करने पर चार शंकराचार्यों ने नाराजगी जताई है। शंकराचार्यों का हिंदू धर्म में बहुत ऊंचा स्थान है। यह सब पीएम मोदी को ही नुकसान पहुंचाएगा।’ मणिशंकर अय्यर ने कहा कि ‘अधिकतर हिंदुओं ने कभी भी हिंदुत्व के लिए वोट नहीं किया है। यह हमारा चुनाव कराने का तरीका है जो बीते 10 सालों से हिंदुत्ववादी सत्ता में हैं। अय्यर ने कहा कि हिंदू धर्म भारत का सबसे प्राचीन धर्म है और देश के बहुसंख्यक समाज द्वारा इसका पालन किया जाता है। वहीं हिंदुत्व एक राजनीतिक दर्शन है।’ दरअसल ऐसा दावा किया जा रहा है कि उत्तराखंड स्थित ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा है कि चारों शंकराचार्य अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। उनका कहना है कि मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने से पहले ही प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है, जो कि शास्त्रों के अनुसार ठीक नहीं है।
बोफोर्स घोटाले में राजीव गांधी पर लगे झूठे आरोप
कार्यक्रम के दौरान मणिशंकर अय्यर ने अपनी किताब ‘The Rajiv I knew and Why he was India’s most misunderstood Prime Minister’ पर भी चर्चा की। उन्होंने दावा किया कि पूर्व पीएम राजीव गांधी पर बोफोर्स घोटाले में लगे सभी आरोप झूठे थे और उनका कोई आधार नहीं था। बोफोर्स घोटाले के आरोपों के चलते ही साल 1989 में राजीव गांधी की कांग्रेस सरकार को लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। राजीव गांधी सरकार पर 1986 में 1,437 करोड़ रुपये के बोफोर्स तोप के सौदे में घोटाले के आरोप लगे थे। मणिशंकर अय्यर, राजीव गांधी की सरकार में प्रधानमंत्री कार्यालय के संयुक्त सचिव रहे थे। अय्यर ने बोफोर्स घोटाले में राजीव गांधी पर लगे आरोपों के लिए मीडिया को जिम्मेदार ठहराया।
‘प्राण प्रतिष्ठा करने से पीएम मोदी को ही नुकसान होगा’, जानिए मणिशंकर अय्यर ने क्यों कही ये बात
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