उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को उद्धव गुट की शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे और उनके पिता पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वह 32 वर्षीय व्यक्ति से नहीं डरते हैं और यहां तक उनके पिता से भी नहीं डरते हैं। उनकी (उद्धव) नाक के नीचे से पचास लोग (विधायक) चले गए और वह कुछ नहीं कर सके। उन्होंने कहा था कि मुंबई जलेगी, लेकिन माचिस की एक तीली भी नहीं जली। महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन विपक्ष के नेता अजीत पवार ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानमंडल में उठाए गए महत्वपूर्ण मुद्दों को छुआ तक नहीं। 19 दिसंबर से शुरू हुआ विधानसभा और विधान परिषद का सत्र शुक्रवार को समाप्त हो गया। पवार ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि विपक्ष ने चार दागी मंत्रियों के इस्तीफे की मांग की थी। उन्होंने कहा, सरकार ने मंत्रियों अब्दुल सत्तार और संजय राठौड़ का बचाव किया, जिन्हें अलग-अलग मामलों में हाईकोर्ट की फटकार खानी पड़ी थी। राकांपा नेता ने कहा, सरकार ने न तो कोई कार्रवाई की और न ही इस मुद्दे पर संतोषजनक जवाब दिया। उन्होंने कहा, इसी तरह हमने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को महाराष्ट्र आदर्शों का अपमान करने वाली उनकी टिप्पणियों के लिए हटाने की मांग की थी। लेकिन सरकार ने उचित जवाब नहीं दिया। पवार ने कहा, पिछले हफ्ते के प्रस्ताव पर आज मुख्यमंत्री शिंदे का जवाब एक सार्वजनिक रैली की तरह था, उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधा और पुराने मुद्दों को उठाया। उन्होंने कहा, एक मुख्यमंत्री से यह उम्मीद नहीं थी, शिंदे ने पुरानी बातें दोहराई, संदर्भ से हटकर बात की और विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दों पर नहीं बोले। पवार ने कहा, दस दिनों के सत्र के दौरान कई मौकों पर मुख्यमंत्री मौजूद नहीं रहे। पवार ने यह भी आरोप लगाया कि विपक्ष ने कर्नाटक के सीमावर्ती इलाकों में मराठी भाषी लोगों की समस्याओं को उठाया, लेकिन सरकार जवाब देने में विफल रही। उन्होंने दावा किया कि सरकार ने फसल बीमा और कपास, धान, संतरे और सोयाबीन के लिए लाभकारी कीमतों के मुद्दों पर भी कोई ठोस जवाब नहीं दिया।
फडणवीस ने उद्धव ठाकरे पर साधा निशाना, कहा- नाक के नीचे से 50 विधायक चले गए, कुछ नहीं कर पाए
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