महाराष्ट्र विधानसभा में बजट सत्र के दौरान जोरदार हंगामे के आसार जताए जा रहे हैं। शिवसेना विवाद के बाद एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट आमने-सामने होंगे। शिवसेना का नाम शिंदे गुट को दिए जाने के बाद से उद्धव गुट लगातार एकनाथ शिंदे सरकार पर हमलावर है। इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की विधायक सरोज अहिरे सोमवार को बजट सत्र के पहले दिन अपने चार महीने के बेटे को लेकर विधानसभा पहुंचीं। इससे पहले भी नागपुर में विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान भी अहिरे बच्चे को अपने साथ लेकर कार्यवाही में हिस्सा लेने पहुंची थीं। बता दें, राकांपा विधायक सरोज 30 सितंबर को मां बनी थीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण बीते 2.5 वर्षों से नागपुर में कोई सत्र आयोजित नहीं किया गया था। मैं अब एक माँ हूँ, लेकिन मैं अपने मतदाताओं के सवालों के जवाब लेने विधानसभा आई हूं। शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे के करीबी माने जाने वाले मिलिंद नार्वेकर सोमवार को विधान भवन में गलती से सेंट्रल हॉल में प्रवेश कर गए। बजट सत्र के पहले दोनों सदनों के सदस्यों को राज्यपाल का अभिभाषण होना था। नार्वेकर को इसे दर्शक दीर्घा से देखना था। लेकिन वह अन्य विधायकों के साथ सेंट्रल हॉल में प्रवेशख कर गए। इसके बाद शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने उन्हें बताया कि केवल विधायक और एमएलसी ही सेंट्रल हॉल में प्रवेश कर सकते हैं। नार्वेकर ने बाद में संवाददाताओं को बताया कि वह दर्शक दीर्घा की तलाश करते हुए गलती से सेंट्रल हॉल में प्रवेश कर गए। एक भी सिक्योरिटी गार्ड ने नार्वेकर के सेंट्रल हॉल में प्रवेश करने पर आपत्ति नहीं जताई। हालांकि, एकनाथ शिंदे के खेमे के विधायक संजय शिरसाठ ने कटाक्ष करने का मौका नहीं चूका। उन्होंने कहा, नार्वेकर जानते हैं कि वह अब उद्धव ठाकरे (पूर्व मुख्यमंत्री) के करीबी सहयोगी नहीं है। वह विधायक बनने के लिए उत्सुक हैं। लेकिन विधानसभा या विधान परिषद का रास्ता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से होकर जाता है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता और ठाणे से लोकसभा सांसद राजन विचारे ने सोमवार को कहा कि एकनाथ शिंदे पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के पदाधिकारियों ने पार्टी का एक स्थानीय कार्यालय हड़प लिया है। विचारे ने आरोप लगाते हुए कहा कि शीर्ष कोर्ट में हलफनामे और मुख्यमंत्री शिंदे के सार्वजनिक बयानों के बावजूद कि वह या उनके समर्थक शिवसेना की संपत्तियों पर दावा करने के इच्छुक नहीं हैं, कार्यालयों को हथियाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि लोकमान्य नगर में स्थित पार्टी कार्यालय को शिंदे के समर्थकों ने जबरदस्ती अपने कब्जे में ले लिया है।
बजट सत्र के दौरान विधानसभा में हंगामे के आसार, आमने-सामने शिंदे व उद्धव ठाकरे गुट
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