देश में महंगाई की मार के बीच पेट्रोल और डीजल के साथ ही खाद्य तेल के दामों में भी जबरदस्त तेजी देखने को मिली है। लेकिन, अब आम जनता को ईंधन की कीमतों पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद सरकार ने एक और कदम उठाया है, जिससे जनता को राहत मिलेगी।
दो साल के लिए कस्टम ड्यूटी खत्म
खाने के तेल की कीमतों को लेकर मंगलवार को केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला किया। सरकार ने 20 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल के आयात पर दो साल के लिए कस्टम ड्यूटी और एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस खत्म करने का फैसला किया है। जो कि फिलहाल तक पांच फीसदी की दर से लगता था।
खुदरा कीमतों में आएगी कमी
सरकार के इस एलान से देश में खाने के तेल की कीमतें कम होने की उम्मीद है। इस संबंध में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, तेलों के आायात पर दी गई छूट 31 मार्च 2024 तक लागू रहेगी। वित्त मंत्रालय की तरफ से मंगलवार को जारी अधिसूचना के अनुसार सालाना 20 लाख टन कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेल पर वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 में आयात शुल्क नहीं लगाया जाएगा।
महंगाई में खाद्य तेलों की प्रमुख हिस्सेदारी
देश में खुदरा महंगाई दर आठ साल के उच्च स्तर पर पहुंच चुकी है। बीते दिनों सरकार की ओर से जारी आंकड़ों को देखें तो खुदरा महंगाई का आंकड़ा 7.79 फीसदी पर पहुंच गया है। यहां बता दें कि महंगाई में खाद्य तेल की प्रमुख हिस्सेदारी होती है और बीते कुछ महीनों में खाद्य तेलों के खुदरा दाम में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है। सरकार के इस कदम पर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा है कि यह फैसला उपभोक्ताओं को राहत देने वाला है।
इंडोनेशिया से आई खुशखबरी
इंडोनेशिया ने पाम ऑयल के निर्यात से बैन 23 मई को ही हटा दिया है। वहां से लगभग दो लाख टन कच्चा पाम ऑयल भारत के लिए भेजा गया है। ऐसे में भारत में पाम ऑयल की उपलब्धता बढ़ेगी, जिससे बाकी खाने के तेलों की कीमतें कम हो जाएंगी। बीते 28 अप्रैल को इंडोनेशिया ने पाम ऑयल निर्यात पर बैन लगाया था। इंडोनेशिया से भेजा गया शिपमेंट 15 जून तक उपलब्ध होने की संभावना है।