अमेरिका स्थित भारतीय मूल के एक पत्रकार ने आरोप लगाया है कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की हालिया यात्रा के दौरान सैम पित्रोदा से बांग्लादेश के हिंदुओं के बारे में सवाल पूछने पर राहुल के समर्थकों ने उनके साथ बदसुलूकी की और फोन छीन कर इंटरव्यू को डिलीट कर दिया। वाशिंगटन डीसी में रह रहे पत्रकार रोहित शर्मा ने इंडिया टुडे के लिए लिखे आलेख में घटना की जानकारी साझा की। रोहित ने लिखा, राहुल के डलास दौरे के वक्त एक साक्षात्कार के लिए मैंने ओवरसीज कांग्रेस प्रमुख सैम पित्रोदा से वक्त मांगा। मैं सैम के साथ पहले भी साक्षात्कार कर चुका था। मेरा अनुमान था कि इसमें कोई मुश्किल नहीं होगी। सैम ने राहुल गांधी के पहुंचने से पहले मुझे अपने विला पर बुलाया जहां पहले से करीब 30 लोग मौजूद थे। मैंने सैम के साथ साक्षात्कार शुरू किया। शुरुआती चार सवालों के जवाब सैम ने सहजता से दिए। इसके बाद मैंने पूछा कि क्या राहुल अमेरिकी सांसदों के सामने बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचार का मुद्दा उठाएंगे। सैम इस सवाल का जवाब दे ही रहे थे कि वहां मौजूद लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। रोहित के अनुसार राहुल के इन समर्थकों ने सवाल को विवादित बताते हुए वीडियो डिलीट करने की मांग की। उन्हें कई घंटे बंधक बना कर रखा गया। बाद में उनका फोन छीन लिया और खुद इसे डिलीट करने का प्रयास किया। फोन के फेस रिकॉग्निशन से खुलने के कारण लोगों ने रोहित को पकड़कर जबरन उनके चेहरे के सामने फोन रखकर उसे अनलॉक किया और साक्षात्कार वाला वीडियो डिलीट कर दिया। इस दौरान सैम पित्रोदा चुपके से राहुल को रिसीव करने एयरपोर्ट चले गए।
पत्रकारिता की आजादी से राहुल की टीम को कोई लेना-देना नहीं
रोहित ने लिखा, विडंबना यह है कि राहुल गांधी ने अमेरिकी प्रेस क्लब के सदस्यों के सामने यह बात रखी कि कैसे भारत में वर्तमान सरकार के दौरान पत्रकारिता की आजादी कम हुई है, जबकि उनकी टीम ने मेरी आवाज खामोश करने की कोशिश की। ऐसा लगता है कि प्रेस की आजादी की जो बातें वह करते हैं वह खुद उनकी टीम के लिए मायने नहीं रखतीं।