बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि दिल पर भगवा रंग छाया है। देखो दुनिया वालों भारत में रामराज्य आया है। अब तो पाकिस्तान भी घबराया है। भय-भूख से जो मुक्ति दिलाए वही रामराज्य है। बुधवार को बड़हलगंज के सरयू तट पर उमड़े श्रद्धालुओं को श्रीराम कथा सुनाते हुए बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर ने कहा कि भीड़ से ऐसा लगता है कि सरयू तट पर महाकुंभ लगा हो। जो सत्ता का भूखा होता है वह कभी भी राजा नहीं हो सकता। सेवा का भूखा ही राजा हो सकता है। प्रभु श्रीराम सेवा के भूखे थे। जो प्रजा से सेवा कराए, वह राजा नहीं हो सकता है। जो प्रजा की सेवा करे वह राजा है। बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर ने कहा कि जातिवाद से ऊपर उठकर हिंदुओं को एक होना होगा, तभी भारत हिंदू राष्ट्र बनेगा। भगवान राम वनवास से जब लौट कर अयोध्या आए तो हर तरफ हर्षोल्लास से भर गया। उन्होंने कहा कि जहां माता-पिता व साधु-संतों को प्रताड़ित किया जाता है, वहां रावण राज्य होता है। श्रीराम कथा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने 11000 वर्ष के राम राज्य की सात विशेषताएं बताईं। कहा कि राम राज्य में किसी भी पिता ने पुत्र को मरते नहीं देखा। राम के चरित्र को अपनाएंगे अर्थात भजन-भोजन ठीक रखेंगे तभी आयु लंबी होगी। घर में सभी के बीच प्रेम होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज हम प्रकृति का दोहन कर रहे हैं। इसलिए प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे हैं। राम राज्य में शस्त्र से नहीं शास्त्र से राज किया गया है, जिससे प्रजा प्रसन्न थी। शास्त्र के बल पर राज करने वाला असली महाराजा कहलाता है। उन्होंने कहा कि छल-कपट से कभी भी राम राज्य की स्थापना नहीं हो सकती है। 22 जनवरी को सनातनियों को दिवाली मनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत रघुवर का देश है, भारत की पहचान हमारे रघुवर से होनी चाहिए। पीठाधीश्वर ने कहा कि कथा का मतलब सिर्फ जय श्रीराम का नारा नहीं है, बल्कि दिल को अयोध्या मान लो और मन को तब हर तरफ राम राज्य होगा। कथा शुभारंभ से पहले आयोजक मंडल राहुल तिवारी, संजय सोनी, बल्ला तिवारी, अजय सोनी ने व्यासपीठ की आरती उतारी। कथा स्थल पर मुख्य रूप से सांसद कमलेश पासवान, विधायक राजेश त्रिपाठी, पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी, ब्लॉक प्रमुख राम आशीष राय, चेयरमैन प्रीति उमर, चेयरमैन प्रतिनिधि महेश उमर, भाजपा नेता सृंजय मिश्रा, किन्नर अखाड़ा महामंडलेश्वर कनकेश्वरी नंद गिरी, आलोक निगम, सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। बागेश्वर बाबा अर्थात धीरेंद्र शास्त्री की राम कथा सुनने गोरखपुर सहित संतकबीरनगर, बस्ती, देवरिया, मऊ, आजमगढ़, अयोध्या, बिहार, झारखंड, नेपाल से बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा सुनने पहुंचे। पहले दिन की कथा समाप्त होने के बाद भी श्रद्धालुओं का आना जारी रहा।
कथा स्थल पर उमड़ा जन सैलाब