बाबा तरसेम सिंह ने जिस सेवादार अमनदीप सिंह उर्फ काला को गुरुद्वारे में सेवादार के रूप में रखवाया था, उसने ही सराय में रह रहे हत्यारोपियों को बाबा तरसेम सिंह की दिनचर्या के बारे में पल-पल की जानकारी। पुलिस के मुताबिक, दो हत्यारोपियों ने लालच देकर उसे अपने साथ कर लिया था। 28 मार्च को उसने दोनों हत्यारोपियों सर्बजीत और अमरजीत को बाबा तरसेम सिंह की लोकेशन बताई थी। लोगों ने बताया कि अमनदीप के पिता भी सेवादार थे। उनकी मृत्यु के बाद बाबा तरसेम सिंह के कहने पर उसको भी सेवादार के रूप में रखा गया था। लेकिन उसने अहसान मानने के बजाय बाबा तरसेम सिंह की हत्या के षडयंत्र में शामिल होकर इंसानियत को शर्मसार कर दिया।
यूपी से रची गई थी बाबा तरसेम सिंह हत्या की साजिश
बाबा तरसेम सिंह की हत्या की साजिश यूपी से रची गई थी। बृहस्पतिवार को हत्या के षडयंत्र के आरोप में पकड़े गए चार अभियुक्ततों में से तीन दिलबाग सिंह, बलकार सिंह और हरमिंदर यूपी के शाहजहांपुर और पीलीभीत जिले के रहने वाले हैं। सूत्रों के अनुसार, फरार दोनों मुख्य हत्यारोपी सर्बजीत सिंह और अमरजीत सिंह नानकमत्ता आने से पहले 14 मार्च से शाहजहांपुर व आसपास के क्षेत्र में थे। जबकि चौथा आरोपी गुरुद्वारे का सेवादार है। हालांकि पुलिस सूत्रों का कहना है कि हत्याकांड का षडयंत्र रचने वाले कुछ लोग ऊधम सिंह नगर जिले से भी हो सकते हैं। जिसकी जांच की जा रही है। एसएसपी डाॅ. मंजूनाथ टीसी ने बताया कि बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड में फरार हत्यारोपियों सर्बजीत सिंह और अमरजीत सिंह पर 50-50 लाख रुपये का ईनाम रखा गया है। जिसे बढ़ाकर शीघ्र ही एक लाख रुपये कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हत्यारोपियों की तलाश में पुलिस टीमें लगातार जुटी हुई हैं।