महाराष्ट्र में बारसु रिफाइनरी परियोजना को लेकर सियासत तेज होती जा रही है। इस बीच पूर्व मंत्री और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने गुरुवार को कहा कि वह रत्नागिरी में बारसु रिफाइनरी परियोजना के खिलाफ प्रदर्शनकारियों से मिलेंगे और उनके साथ एकजुटता से खड़े रहेंगे। दरअसल, रत्नागिरी के बारसु गांव के निवासी रिफाइनरी की स्थापना का विरोध कर रहे हैं। गांव में रिफाइनरी परियोजना को लेकर हो रहे विरोध के बीच शिवसेना (यूबीटी) नेता ने राज्य सरकार से बारसू के निवासियों से बातचीत करने का आग्रह किया है। आदित्य ठाकरे ने कहा कि सरकार को बारसू के लोगों से उचित बातचीत करनी चाहिए और बिना उचित परामर्श के कोई काम नहीं करना चाहिए। इस बीच हम भी प्रदर्शनकारियों से मिलेंगे और उनके साथ अपनी एकजुटता का संदेश देंगे। इससे पहले गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार के साथ चर्चा की और उन्हें आश्वासन दिया कि स्थानीय निवासियों सहित सभी हितधारकों को विश्वास में लेने के बाद ही बारसु रिफाइनरी परियोजना को आगे बढ़ाया जाएगा। शिंदे ने कहा था कि मैंने बारसु रिफाइनरी परियोजना के बारे में कल शरद पवार के साथ टेलीफोन पर बातचीत की थी। पवार ने कहा कि राज्य के उद्योग मंत्री को सभी अधिकारियों और संबंधित लोगों को भरोसे में लेना चाहिए। मैंने उनसे कहा कि परियोजना सफल होगी। इसे जबरन लागू नहीं किया जाएगा। लोगों के साथ कोई अन्याय नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नागपुर-मुंबई राजमार्ग का भी शुरुआत में लोगों ने विरोध किया था, लेकिन हम वहां परियोजना के फायदे को देख रहे हैं। किसानों को विश्वास में लेने के बाद ही रिफाइनरी परियोजना के संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इससे पहले मंगलवार को शिंदे ने रिफाइनरी परियोजना का विरोध करने पर उद्धव ठाकरे और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) पर निशाना साधा था। शिंदे ने कहा कियह तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे थे, जिन्होंने नानार परियोजना रद्द होने के बाद इस परियोजना को हरी झंडी दिखाई थी। उन्होंने बारसु रिफाइनरी परियोजना को लागू करने की मांग करते हुए पीएम मोदी को भी लिखा था। सीएम ने कहा था कि विरोध सिर्फ राजनीतिक लाभ के किया जा रहा है। परियोजना के लिए मिट्टी का परीक्षण वर्तमान में 60-70 प्रतिशत स्थानीय लोगों की सहमति से किया जा रहा है। शिंदे ने आश्वासन दिया कि परियोजना मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट का आकलन करने के बाद ही शुरू होगी। रिपोर्ट से ही तय होगा कि भूमि इस की परियोजना के लिए उपयुक्त है या नहीं। स्थानीय लोगों की सहमति के बिना एक भी ईंट नहीं रखी जाएगी।
बारसु रिफाइनरी परियोजना पर सियासत तेज, आदित्य बोले- हम प्रदर्शनकारियों से मिलेंगे
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