महाराष्ट्र के सीएम से नए डिप्टी सीएम बने एकनाथ शिंदे ने अगले साल होने वाले बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनाव को लेकर अपना रूख साफ कर दिया है। शिंदे ने कहा कि शिवसेना अगले साल होने वाले बीएमसी चुनाव महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति के साथ मिलकर लड़ेगी। उन्होंने कहा कि मुंबई को देश का सबसे बड़ा और विकसित नगर निगम बनाना है, और इसके लिए महायुति को बीएमसी का नियंत्रण उसी तरह संभालना होगा जैसे राज्य और केंद्र में है। देखा जाए तो डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे का ये बयान इस समय काफी अहम माना जा रहा है। कारण साफ है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी के हार के बाद यूबीटी शिवसेना अकेले ही बीएमसी चुनाव लड़ने पर बात कर रही है। बता दें कि महायुति गठबंधन में शिवसेना और एनसीपी शामिल हैं। वहीं एमवीए में कांग्रेस, यूबीटी शिवसेना, एनसीपी (एससी), माकपा, एसडब्ल्यूपी शामिल है। शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार ने मुंबई के विकास के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे सड़कों को गड्ढामुक्त बनाना, सफाई अभियान चलाना और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करना। उन्होंने कहा कि महायुति सरकार के कार्यों का असर राज्य विधानसभा चुनावों में भी दिखा, जहां गठबंधन ने मुंबई की 36 में से 22 सीटें जीतीं।
उद्धव ठाकरे पर साधा निशाना
इसके साथ ही एकनाथ शिंदे ने विपक्षी नेता उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले की शिवसेना ने बीएमसी के 25 साल के शासन में वह काम नहीं किया जो करना चाहिए था। बैठक में पार्टी के विधायकों और पदाधिकारियों ने सुझाव दिया कि संगठन को बूथ स्तर पर मजबूत करने और प्रत्येक वार्ड में सदस्यता अभियान चलाने की जरूरत है। बीएमसी देश का सबसे अमीर नगर निगम है। उनका साल 2024-25 का बजट करीब 60,000 करोड़ रुपये है। पार्टी का मानना है कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में मिली सफलता को बीएमसी चुनावों में भी दोहराया जा सकता है। बीएमसी के पिछले चुनाव के प्रतिनिधियों का कार्यकाल मार्च 2022 में खत्म हो गया था और अब लगभग तीन साल बाद चुनाव होंगे।