साइबर फ्रॉड के मामले इतने बढ़ गए हैं कि अब पैसों से संबंधित हर ट्रांजेक्शन में सावधानी बरतना बेहद जरूरी हो गया है। हाल ही में बेंगलुरु की एक कंपनी में काम कर रही एक अकाउंटेंट के साथ हुई एक बड़ी ठगी ने इस खतरे को और बढ़ा दिया है। साइबर अपराधियों ने कंपनी के एमडी के नाम पर मैसेज भेजकर अकाउंट से 56 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए। ठगी का खुलासा होने पर पुलिस को सूचित किया गया, जिसके बाद अब तक कई आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बेंगलुरु स्थित एक टेक कंपनी की चीफ अकाउंटेंट ऑफिसर (CAO) को 5 दिसंबर को एक व्हाट्सएप मैसेज आया, जिसमें दावा किया गया कि वह कंपनी के MD हैं। इस मैसेज में लिखा था कि कंपनी ने एक नया प्रोजेक्ट फाइनल किया है और इसके लिए 56 लाख रुपये का सिक्योरिटी डिपॉजिट देना होगा। इस डिपॉजिट को कंपनी के अकाउंट से ट्रांसफर करना होगा। साइबर अपराधियों ने व्हाट्सएप प्रोफाइल पर MD की फोटो लगाकर यह मैसेज भेजा था, जिससे अकाउंटेंट को यह विश्वास हो गया कि मैसेज सही है। इसके बाद उन्होंने बिना किसी संकोच के दिए गए बैंक अकाउंट में 56 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। जैसे ही ट्रांजेक्शन हो गया, अकाउंटेंट ने अपने MD से कंफर्मेशन के लिए मेल किया। जब MD ने कोई ऐसा मैसेज न भेजने की बात कही, तो उन्हें एहसास हुआ कि वह जो मैसेज समझ बैठे थे, वह धोखाधड़ी थी। यह जानकर उन्होंने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी।
जालसाजों तक पहुंची पुलिस
पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और पता चला कि ट्रांसफर की गई रकम कई बैंक अकाउंट्स में भेजी जा चुकी थी। इन अकाउंट्स में से एक अकाउंट हैदराबाद के रहने वाले साई कुमार का था। जब पुलिस ने साई कुमार से पूछताछ की, तो उसने बताया कि उसने एक गैंग के कहने पर यह अकाउंट खोला था और हर ट्रांजेक्शन के बाद उसे 10,000 से 15,000 रुपये का भुगतान किया जाता था। इसके बाद पुलिस ने साई कुमार की मदद से गैंग के मास्टरमाइंड गरिश्मा तक पहुंचने में सफलता प्राप्त की। गरिश्मा और उसके 5 साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इन लोगों ने पिछले 6 महीनों में ऐसे रैकेट चला रहे थे। यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि साइबर अपराधी अब बहुत ही निचले स्तर तक जा रहे हैं। उनके द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली रणनीतियां इतनी प्रोफेशनल और विश्वसनीय होती हैं कि सामान्य लोग आसानी से उनके झांसे में आ सकते हैं। इस घटना ने यह भी दिखा दिया कि बिना पूरी जानकारी के कोई भी वित्तीय लेन-देन करने से पहले हमें पूरी तरह से सतर्क रहना चाहिए। इसलिए, यदि आपको कभी भी इस तरह का मैसेज मिले, तो तुरंत इसकी जांच करें की आपको मैसेज भेजने वाला व्यक्ति सही है या नहीं। कुछ संदिग्ध पता लगने पर इसकी जानकारी तुरंत साइबर सेल को दें।