गुजरात की एक अदालत ने दक्षिणपंथी नेता काजल हिंदुस्तानी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। काजल हिंदुस्तानी के भड़काऊ भाषण के कारण उना में राम नवमी पर दंगे भड़कने का आरोप है। काजल हिंदुस्तानी ने रविवार को ही पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था। जिसके बाद काजल हिंदुस्तानी को उना की अदालत के सामने पेश किया गया। उना के पुलिस इंस्पेक्टर एनके गोस्वामी ने बताया कि अदालत ने काजल हिंदुस्तानी की जमानत याचिका को खारिज कर उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। पुलिस ने रिमांड की मांग नहीं की थी, जिसके बाद काजल हिंदुस्तानी को जूनागढ़ सेंट्रल जेल भेज दिया गया। आरोप है कि काजल हिंदुस्तानी ने 30 मार्च को राम नवमी के अवसर पर भड़काऊ भाषण दिया। जिसके चलते एक अप्रैल की रात उना में दंगे हुए। पुलिस ने दो अप्रैल को इस मामले में एफआईआर दर्ज की और काजल हिंदुस्तानी के खिलाफ आईपीसी की धारा 153, 295 ए के तहत मामला दर्ज कर लिया था। अपने ट्विटर बायो में काजल हिंदुस्तानी खुद को एंटरप्रेन्योर, रिसर्च एनालिस्ट, सामाजिक कार्यकर्ता और राष्ट्रवादी बताती हैं। साथ ही वह खुद को गर्व से भारतीय भी बताती हैं। ट्विटर पर काजल हिंदुस्तानी के 92 हजार फॉलोअर्स हैं, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं। विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रमों में भी काजल हिंदुस्तानी शामिल होती रहती हैं। अपने भड़काऊ बयानों के चलते वह अक्सर चर्चा में रहती हैं। बता दें कि उना दो दिनों तक सांप्रदायिक तनाव से धधकता रहा था। इस दौरान दो समुदायों में हिंसक झड़प और पथराव की घटनाएं हुईं थी। पुलिस ने उना हिंसा मामले में 76 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की थी। साथ ही 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी आईपीसी की धारा 323, 337, 143, 147 और 148 के तहत केस दर्ज किया गया था। उना हिंसा मामले में पुलिस ने अभी तक 96 लोगों को गिरफ्तार किया है।
भड़काऊ भाषण से दंगे भड़काने का आरोप, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजी गईं काजल हिंदुस्तानी
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