मुंबई
महाराष्ट्र में पिछले दस दिनों से चल रहे सत्ता संघर्ष के सियासी घमासान का पटाक्षेप आखिरकार कल हो गया। महाविकास आघाड़ी सरकार में शामिल रहे विधायकों द्वारा बगावत किए जाने से निर्माण हुए सत्ता के ड्रामे के अंतिम अंक में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने अनपेक्षित ढंग से बागी नेता एकनाथ शिंदे के गले में मुख्यमंत्री पद की माला डाल दी। तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को शिंदे के मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री पद स्वीकार करने के लिए मजबूर करते हुए मास्टर स्ट्रोक मारा। राजभवन में संपन्न हुए शपथ विधि समारोह में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की मौजूदगी में एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री तो देवेंद्र फडणवीस ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राजभवन के दरबार हॉल में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए एकनाथ शिंदे का परिवार भी राजभवन पहुंचा था। इस समारोह में शिंदे समर्थक विधायक शामिल नहीं हो सके, जबकि बागी विधायक उस समय गोवा के होटल में ही थे। भाजपा के कई नेता शपथ ग्रहण समारोह पहुंचे थे। हालांकि पहले फडणवीस ने एलान किया था कि एकनाथ शिंदे राज्य के नए मुख्यमंत्री होंगे। वे खुद सरकार में नहीं होंगे और बाहर से सरकार की मदद करेंगे। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से राजभवन में मुलाकात करके सरकार बनाने का दावा पेश किया। इस अवसर पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटील, गिरीश महाजन, राधाकृष्ण विखे-पाटील, पंकजा मुंडे उपस्थित थे।
इसके बाद फडणवीस और एकनाथ शिंदे ने संयुक्त पत्रकार परिषद को संबोधित किया। फडणवीस ने कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना विधायक दल, भाजपा विधायक दल सहित १६ निर्दलीय और छोटी पार्टियों के विधायक एक साथ आए हैं। इन सभी का समर्थन पत्र हमने राज्यपाल को सौंपा है। भाजपा ने एकनाथ शिंदे गुट को समर्थन देने का निर्णय लिया है। एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री होंगे, इसके लिए भाजपा पूरा साथ देगी। भाजपा का समर्थन सरकार को होगा। मैं इस सरकार में नहीं रहूंगा लेकिन मेरा पूरा सहयोग होगा।
५० विधायक मेरे साथ- शिंदे
एकनाथ शिंदे ने ३९ शिवसेना विधायकों और ११ निर्दलीय विधायकों के साथ कुल ५० विधायक होने का दावा किया, वहीं भाजपा के १०६ विधायक हैं। एकनाथ शिंदे ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस ने मेरे नाम की घोषणा करके हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे के शिवसैनिक को मुख्यमंत्री पद का सम्मान दिया है। खुद की पार्टी बड़ी होते हुए भी उन्होंने खुद मुख्यमंत्री पद न लेकर मुझे दिया है। इतने बड़े मन का इंसान मैंने नहीं देखा। शिंदे ने कहा कि शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे के विचारों को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। हमारी सरकार में राज्य का विकास सर्वोपरि होगा। राजभवन में हुई प्रेस वार्ता में फडणवीस ने घोषणा की थी कि वे मंत्रिमंडल से बाहर रहेंगे। कुछ घंटे बाद ही दिल्ली से चक्र घूमा और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने फडणवीस को उपमुख्यमंत्री पद संभालने का निर्देश दिया। इसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया कि फडणवीस सरकार में शामिल होंगे। एक घंटे में ही पूरा घटनाक्रम बदलता गया। राजभवन के दरबार हॉल में दो कुर्सियों की बजाय तीन कुर्सियां लगाई गर्इं। आखिरकार, एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
केंद्रीय टीम का आदेश- जे.पी. नड्डा
देवेंद्र फडणवीस ने बड़ी घोषणा की है कि वे सरकार से बाहर रहकर समर्थन देंगे। भाजपा का एकनाथ शिंदे को पूरा समर्थन होगा। उनकी यह भूमिका हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं के चरित्र को दर्शाती है। हमें किसी पद की लालसा नहीं है। हम विचारों के लिए हैं, विचारों के साथ-साथ महाराष्ट्र की जनता का विकास हो, जनता की उम्मीदें पूरी हों, इसके लिए देवेंद्र फडणवीस ने सरकार से बाहर रहने का निर्णय लिया। लेकिन भाजपा की केंद्रीय टीम ने निर्णय किया है कि फडणवीस को सरकार में रहना चाहिए। इसके लिए टीम ने फडणवीस से अनुरोध किया। केंद्रीय टीम ने फडणवीस को उपमुख्यमंत्री के तौर पर कार्यभार संभालने का आदेश दिया है, ऐसी जानकारी जे.पी. नड्डा ने दी।
आपके हाथ से महाराष्ट्र में अच्छे काम हों!
शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने दी शुभकामना
शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कल नवनियुक्त मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का ट्विटर के द्वारा अभिनंदन किया। इन दोनों को उज्जवल भविष्य की शुभकामना देते हुए आपके हाथ से अच्छे काम हों, ऐसी इच्छा शिवसेनापक्षप्रमुख ने व्यक्त की।
भाजपा का धक्कातंत्र,
मैं वापस आऊंगा, ऐसा कहनेवाले भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने महाविकास आघाड़ी सरकार गिराने के लिए बीते ढाई वर्षों में हर संभव प्रयास किए, जिसमें उन्हें बहुत ज्यादा सफलता नहीं मिली। हाल ही में संपन्न हुए राज्यसभा और विधान परिषद के चुनावों के मौके पर एकनाथ शिंदे को फांसते हुए महाविकास आघाड़ी सरकार गिरा दी और फिर मुख्यमंत्री बनने का अपना रास्ता खोल दिया। परंतु भाजपा के दिल्ली के रणनीतिकारों ने धक्कातंत्र का इस्तेमाल करते हुए फडणवीस को झटका देते हुए शिंदे सरकार में उप मुख्यमंत्री के रूप में काम करने को मजबूर कर दिया।
शाह के ट्वीट में फडणवीस का बतौर उपमुख्यमंत्री उल्लेख
भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के बाद अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि फडणवीस ने बड़े मन से महाराष्ट्र राज्य और जनता के हित के लिए सरकार में शामिल होने का निर्णय लिया है। फडणवीस का यह निर्णय महाराष्ट्र के प्रति सच्ची निष्ठा और सेवा समर्पण की भावना को दर्शाता है इसलिए उनका हार्दिक अभिनंदन।
फडणवीस के चेहरे पर नाराजगी
भाजपा नेताओं द्वारा मीडिया पर की गई घोषणा के बाद देवेंद्र फडणवीस राजभवन में पहुंचे लेकिन उनके चेहरे पर नाराजगी छिपी नहीं रही। भाजपा नेताओं में भी सांत्वना का भाव था। शपथ ग्रहण समारोह के बाद फडणवीस ज्यादा देर तक नहीं रुके और मीडिया को कोई प्रतिक्रिया दिए बिना वहां से चले गए।
मोदी का फडणवीस को फोन
राज्य में सत्ता परिवर्तन होने पर मुख्यमंत्री बनने का मौका मिलेगा, ऐसी अपेक्षा फडणवीस की थी। राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव में संख्या बल न होने के बावजूद अनपेक्षित रूप से अतिरिक्त एक जगह जीतने के इनाम के रूप में मुख्यमंत्री पद की माला फडणवीस के गले में पड़ेगी, ऐसी चर्चा राजनीतिक गलियारे में थी। परंतु केंद्र के भाजपाई नेताओं के मन में कुछ तो अलग ही था। इसलिए फडणवीस ने प्रदेश अध्यक्ष बनने की इच्छा व्यक्त की। लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने फडणवीस को उप मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी स्वीकार करने को मजबूर किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए फोन पर फडणवीस से चर्चा की।