भारत आए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की दिल्ली में तिब्बती बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा के प्रतिनिधि से मुलाकात पर चीन भड़क गया है। ब्लिंकन की दलाई लामा के प्रतिनिधि से मुलाकात के बाद से ही इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा था। अब चीन ने कहा है कि अमेरिका ने दलाई लामा के सहयोगी से मुलाकात कर अपने वादे को तोड़ा है। उसने तिब्बत को चीन का हिस्सा मानने की प्रतिबद्धता जताई थी। ब्लिंकन ने बुधवार को ही गोदुप दोंगचुंग से मुलाकात की थी, जो सेंट्रल तिब्बतन एडमिनिस्ट्रेशन के प्रतिनिधि हैं। इसे तिब्बत की निर्वासित सरकार भी कहा जाता है। दोंगचुंग ने दलाई लामा की ओर से भेजे गए स्कार्फ को ब्लिंकन को भेंट किया था।
धर्मगुरु नहीं, राजनीतिक शरणार्थी हैं दलाई लामा
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि तिब्बत का मामला पूरी तरह से चीन का निजी मसला है। इसमें किसी भी बाहरी ताकत का दखल स्वीकार नहीं किया जा सकता। ब्लिंकन की दलाई लामा के प्रतिनिधि से मुलाकात को लेकर झाओ लिजियान ने कहा, ’14वें दलाई लामा धार्मिक हस्ती नहीं है बल्कि एक राजनीतिक व्यक्ति हैं, जिन्होंने दूसरे देश में शरण ली है। वह लंबे समय से चीन के खिलाफ अलगाववादी गतिविधियों में सक्रिय रहे हैं। वह तिब्बत को चीन से अलग करने के लिए काम कर रहे हैं।’ झाओ लिजियान ने कहा कि चीन किसी भी देश की ओर से दलाई लामा से संपर्क किए जाने की कड़ी निंदा करता है।