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भारतीय परियोजनाओं पर जर्मनी खर्च करेगा एक अरब यूरो, राजदूत एकरमैन बोले- दोनों देश मजबूत साझेदार

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भारतीय परियोजनाओं पर जर्मनी एक अरब यूरो खर्च करेगा। भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने कहा कि दोनों देश मजबूत साझेदार हैं। अब वे मिलकर हरित और सतत विकास के लिए साझेदारी बढ़ा रहे हैं। साथ ही कार्बन उत्सर्जन को कम करने के नए तरीके खोज रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश वैज्ञानिक अभियानों के 50 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। इस पर मुझे गर्व है। भारत और जर्मनी के बीच हरित और सतत विकास के लिए साझेदारी हुई है। इसके तहत जर्मनी भारत में आम परियोजनाओं पर सालाना एक अरब यूरो से अधिक खर्च करता है। एकरमैन ने कहा कि हम वैज्ञानिक सहयोग के बारे में बात कर रहे हैं। कैसे जर्मनी और भारत वैज्ञानिक रूप से सहयोग कर सकते हैं और कार्बन उत्सर्जन को कम करने की नई तकनीकों और नए तरीकों को खोजने के लिए अक्षय ऊर्जा में निवेश करने के नए तरीके और साधन खोजने की कोशिश कर सकते हैं। यह बहुत महत्वपूर्ण है। पिछले महीने ही जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज भारत के दौरे पर थे। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों में भारत और जर्मनी के बीच बढ़ते सहयोग पर बात की थी। साथ ही गहरे आपसी विश्वास का प्रतीक बताया था। वहीं जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने भारत को दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता का आधार बताया था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि दुनिया तनाव, संघर्ष और अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कानून के शासन और नौवहन की स्वतंत्रता को लेकर गंभीर चिंताएं हैं। ऐसे समय में भारत और जर्मनी की रणनीतिक साझेदारी एक मजबूत आधार बनकर उभरी है। यह लेन-देन के संबंध नहीं हैं, बल्कि यह दो सक्षम और सशक्त लोकतंत्रों की परिवर्तनकारी साझेदारी है। पीएम मोदी ने कहा था कि ये साल, भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी का 25वां वर्ष है। अब आने वाले 25 वर्ष, इस सोझेदारी को नई बुलंदी देने वाले हैं। हमने आने वाले 25  वर्षों में विकसित भारत का एक रोडमैप बनाया है। भारत की कुशल मैनपावर पर जर्मनी ने जो भरोसा जताया है, वो अद्भुत है। जर्मनी ने कुशल भारतीयों के लिए हर साल मिलने वाले वीजा की संख्या 20 हजार से बढ़ाकर 90 हजार करने का फैसला किया है। मुझे विश्वास है कि इससे जर्मनी के विकास को नई गति मिलेगा। बता दें कि जर्मनी यूरोप में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। बर्लिन में भारतीय दूतावास के अनुसार जर्मनी लगातार भारत के शीर्ष दस वैश्विक साझेदारों में शामिल रहा है और वित्त वर्ष 2020-21 में सातवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था।