महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को मराठा आरक्षण पर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। अब इसी बैठक पर उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना के सांसद संजय राउत ने निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि सर्वदलीय बैठक में उनकी पार्टी के सांसदों और विधायकों को आमंत्रित नहीं किया गया था। राउत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक में केवल महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे को बुलाया गया था। महाराष्ट्र सरकार द्वारा मराठा आरक्षण पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा, ‘मराठा आरक्षण प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं। विधायकों के घरों को आग लगाई जा रही है। राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। महाराष्ट्र में राजनीतिक दलों को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए एक साथ आना चाहिए।’ राउत ने आगे कहा, ‘उन्होंने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है, जिसमें लगभग 20-25 लोगों को बुलाया गया है, लेकिन उनकी बैठक में शिवसेना के सांसदों या विधायकों को नहीं बुलाया गया है। मराठा आरक्षण मुद्दे पर कोई समाधान निकाला जाना चाहिए।’ मराठा आरक्षण पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुवेर्दी का कहना है, ‘उद्धव ठाकरे ने मराठा आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलन का समर्थन किया है और वह यह भी मांग कर रहे हैं कि इस पर जल्द फैसला होना चाहिए। आप गद्दार लोगों से क्या उम्मीद कर सकते हैं? महाराष्ट्र को एक प्रगतिशील और समावेशी राज्य माना जाता है। सीएम और डिप्टी सीएम ने मराठा लोगों से कई वादे किए थे। यह आंदोलन इसलिए है क्योंकि उन्होंने वादाखिलाफी की है।’ गौरतलब है, मंगलवार को मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक हुई थी। इस दौरान मराठा समुदाय को आरक्षण देने पर जस्टिस संदीप शिंदे समिति की अंतरिम रिपोर्ट को कैबिनेट ने स्वीकार कर लिया गया था। बैठक में निर्णय लिया गया कि मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू होगी। साथ ही, यह भी निर्णय लिया गया कि पिछड़ा वर्ग आयोग मराठा समुदाय की सामाजिक और शैक्षणिक स्थिति का आकलन करने के लिए नए आंकड़े इकट्ठा करेगा।
मराठा आरक्षण को लेकर सर्वदलीय बैठक के लिए उद्धव शिवसेना को नहीं मिला आमंत्रण, राउत का फूटा गुस्सा
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