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‘महायुति मंत्रिमंडल से बाहर रखे जाने से दुखी, आगे की रणनीति तय करूंगा’, भुजबल का छलका दर्द

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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने सोमवार को नई महायुति सरकार में शामिल न किए जाने पर निराशा जताई। उन्होंने कहा कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से बात करने के बाद आगे की रणनीति तय करेंगे। दरअसल, महायुति के सहयोगी दलों भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के 39 विधायकों ने रविवार को देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में शपथ ली। मंत्रिमंडल से 10 पूर्व मंत्रियों को बाहर कर दिया गया और 16 नए चेहरे शामिल किए गए। पूर्व मंत्री भुजबल, एनसीपी के दिलीप वाल्से पाटिल, भाजपा के मुनगंटीवार और विजयकुमार गावित नए मंत्रिमंडल से बाहर रखे गए प्रमुख नेताओं में शामिल हैं। इस बीच संवाददाताओं से बात करते हुए भुजबल ने कहा कि वह नए मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने से दुखी हैं। नासिक जिले के येओला निर्वाचन क्षेत्र से विधायक ने अपने भविष्य के बारे में पूछे जाने पर कहा कि मुझे देखने दीजिए। मुझे इस पर विचार करने दीजिए। मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र से बात करूंगा।

फडणवीस ने ‘प्रदर्शन ऑडिट’ करने पर सहमति जताई
इससे पहले रविवार को मंत्रिमंडल विस्तार के बाद फडणवीस ने कहा कि महायुति के सहयोगी दलों ने मंत्रियों के कार्यकाल के दौरान उनके ‘प्रदर्शन ऑडिट’ करने पर सहमति जताई है। भुजबल ने मंत्रियों के प्रदर्शन ऑडिट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने वाले पूर्व मंत्री दीपक केसरकर ने भी कहा कि वे परेशान नहीं हैं। शिवसेना नेता ने कहा कि जब हमने अपने पार्टी नेता को निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया, तो हमें उसका पालन करना होगा और नए शपथ लेने वाले मंत्रियों की खुशी को साझा करना होगा। मामले में कांग्रेस नेता भाई जगताप ने कहा कि मंत्रियों के प्रदर्शन ऑडिट का कोई मतलब नहीं है। अगर कोई मंत्री प्रदर्शन नहीं करता है तो ढाई साल तक इंतजार क्यों करें? प्रदर्शन ऑडिट के लिए अवधि कोई पैरामीटर नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि अगले ढाई साल में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के खिलाफ जन आंदोलन शुरू हो जाएगा।