महाराष्ट्र की जगह गुजरात में सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने की घोषणा के बाद से सियासत एक बार फिर से गरमा गई है। विपक्ष शिंदे सरकार से लगातार सवाल कर रहा है कि आखिर महाराष्ट्र से डील लगभग पक्की हो गई थी तो यह गुजरात केसै चला गया? एनसीपी नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यह प्लांट राजनीतिक दबाव में महाराष्ट्र से छीना गया है जिसे वापस लाना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार को अभी भी पूरी कोशिश करनी चाहिए और इस महाराष्ट्र में स्थापित करना चाहिए। पवार ने कहा कि अगर यह प्लांट महाराष्ट्र नहीं आया तो राज्य के आर्थिक विकास के लिए बड़ा झटका होगा। उन्होंने कहा कि डील छिन जाना राज्य की आर्थिक स्थिति के लिए महंगा पड़ेगा। बता दें कि भारतीय समूह वेदांता और ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी फॉक्सकॉन 1.54 लाख करोड़ रुपये के निवेश के साथ गुजरात में देश का पहला सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करेगी। वेदांत-फॉक्सकॉन के संयुक्त उद्यम की डिस्प्ले एफएबी विनिर्माण इकाई, सेमीकंडक्टर असेंबलिंग और टेस्टिंग इकाई राज्य के अहमदाबाद जिले में 1000 एकड़ क्षेत्रफल में स्थापित की जाएगी। इस संयुक्त उद्यम में दोनों कंपनियों की हिस्सेदारी क्रमश: 60 और 40 प्रतिशत होगी। शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए), जब सत्ता में थी तब इस परियोजना को बहुत मजबूती से आगे बढ़ाया था। हमारी एमवीए सरकार इसे अंतिम चरण में ले आई थी। मौजूदा सरकार ने संभावित निवेशकों का विश्वास खो दिया है, इसलिए इस तरह की बड़ी परियोजनाएं यहां नहीं आ रही हैं। आदित्य ठाकरे ने कहा कि मेगा प्रोजेक्ट ने 160 सहायक उद्योगों का समर्थन किया होगा और 70,000 से 1 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि पिछली एमवीए सरकार कंपनी के संपर्क में थी और इस साल जनवरी में इसके प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक भी हुई थी।
महाराष्ट्र की जगह गुजरात कैसे चला गया सेमीकंडक्टर प्लांट? विपक्ष बोला- यह सौदा महंगा पड़ेगा
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