महाराष्ट्र के पुणे जले के पिंपरी चिंचवड शहर में शनिवार को महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री चंद्रकांत पाटिल पर स्याही फेंकने के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। पाटिल की सुरक्षा में चूक के बाद तीन अधिकारियों सहित 10 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। बता दें कि बीआर आंबेडकर और महात्मा ज्योतिबा फुले पर टिप्पणी करने के एक दिन बाद चंद्रकांत पाटिल पर कुछ लोगों ने उनके ऊपर स्याही फेंकी थी। मामले में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ये बहुत ही दुखद घटना है। चंद्रकांत पाटिल ने जो बात कही थी उसका अर्थ समझना चाहिए था। उसका अर्थ ये था कि डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर या कर्मवीर भाउराव पाटिल ने कभी भी सरकार से अनुदान मांगकर संस्थाएं नहीं चलाई। उन्होंने लोगों के शिक्षा की व्यवस्था समाज से पैसा खड़ा कर और दानवीर लोगों को साथ में लेकर किया। मगर उनके शब्दों को पकड़कर इस तरह की घटना करना बहुत गलत बात है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नागपुर यात्रा से एक दिन पहले शनिवार को शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने पीएम से महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच जारी सीमा विवाद का रुख स्पष्ट करने को कहा। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पर अपना रुख साफ करना चाहिए। महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के नेताओं ने कर्नाटक के मुख्मयंत्री बसवराज बोम्मई के इस बयान की निंदा की है कि महाराष्ट्र के सांसदों और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बैठक से दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इस बीच भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि उच्चतम न्यायालय को सीमा विवाद मामले में जल्द फैसला सुनाना चाहिए क्योंकि दोनों राज्यों के बीच स्थिति तनावपूर्ण होती जा रही है तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में कानून व्यवस्था के मुद्दे सामने आए हैं।
महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल पर फेंकी गई थी स्याही, 10 पुलिसकर्मी निलंबित
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