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महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के समक्ष एक-दूसरे के विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान शुक्रवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के ‘असली’ ईमेल एड्रेस को लेकर शिव सेना के दोनों गुटों के बीच बहस हो गई। शिंदे गुट ने तर्क दिया कि जिस ईमेल एड्रेस पर जून 2022 में तत्कालीन मुख्य सचेतक सुनील प्रभु द्वारा उन्हें एक ईमेल भेजा गया था, वह उनका आधिकारिक ईमेल एड्रेस नहीं था, जिसका उपयोग उन्होंने आधिकारिक संचार के लिए किया था। Trending Videos वहीं, उद्धव ठाकरे गुट के वकील असीम सरोदे ने कहा कि जब कोई ईमेल एड्रेस जनता के लिए होता है, तो आधिकारिक उद्देश्यों के लिए अलग ईमेल एड्रेस होता है क्योंकि कई लोग इस पर संपर्क करते हैं… कोई ईमेल एड्रेस मौजूद है या नहीं, इस पर यह भ्रम न्याय में देरी कर रहा है। इसके जवाब में शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के अनुसार जिस ईमेल एड्रेस पर प्रभु ने ईमेल किया था, उसका उल्लेख विधायकों के बारे में जानकारी वाली पुस्तिका में किया गया था। उन्होंने कहा कि उस दौरान जून 2022 की पुस्तिका में एकनाथ शिंदे के नाम के सामने एक अलग ईमेल एड्रेस में था। 16 शिवसेना विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई के बाद मीडिया से बात करते हुए शिंदे गुट के वकील महेश जेठमलानी ने कहा, उन्होंने (उद्धव गुट) एक आवेदन दायर किया और फिर इसे वापस ले लिया। इन सभी तर्कों के बाद उन्होंने इसे वापस ले लिया…शुरुआत में ही उन्होंने कहा कि उन्हें आवेदन पर कोई सफलता मिलने की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही है। फिर उन्होंने इसे क्यों दाखिल किया और समय बर्बाद क्यों किया?

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महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के समक्ष एक-दूसरे के विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान शुक्रवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के ‘असली’ ईमेल एड्रेस को लेकर शिव सेना के दोनों गुटों के बीच बहस हो गई। शिंदे गुट ने तर्क दिया कि जिस ईमेल एड्रेस पर जून 2022 में तत्कालीन मुख्य सचेतक सुनील प्रभु द्वारा उन्हें एक ईमेल भेजा गया था, वह उनका आधिकारिक ईमेल एड्रेस नहीं था, जिसका उपयोग उन्होंने आधिकारिक संचार के लिए किया था।वहीं, उद्धव ठाकरे गुट के वकील असीम सरोदे ने कहा कि जब कोई ईमेल एड्रेस जनता के लिए होता है, तो आधिकारिक उद्देश्यों के लिए अलग ईमेल एड्रेस होता है क्योंकि कई लोग इस पर संपर्क करते हैं… कोई ईमेल एड्रेस मौजूद है या नहीं, इस पर यह भ्रम न्याय में देरी कर रहा है। इसके जवाब में शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के अनुसार जिस ईमेल एड्रेस पर प्रभु ने ईमेल किया था, उसका उल्लेख विधायकों के बारे में जानकारी वाली पुस्तिका में किया गया था। उन्होंने कहा कि उस दौरान जून 2022 की पुस्तिका में एकनाथ शिंदे के नाम के सामने एक अलग ईमेल एड्रेस में था। 16 शिवसेना विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई के बाद मीडिया से बात करते हुए शिंदे गुट के वकील महेश जेठमलानी ने कहा, उन्होंने (उद्धव गुट) एक आवेदन दायर किया और फिर इसे वापस ले लिया। इन सभी तर्कों के बाद उन्होंने इसे वापस ले लिया…शुरुआत में ही उन्होंने कहा कि उन्हें आवेदन पर कोई सफलता मिलने की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही है। फिर उन्होंने इसे क्यों दाखिल किया और समय बर्बाद क्यों किया?