रामनवमी के मौके पर मुंबई के मलाड इलाके में उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया था। यहां दो पक्षों में पथराव के बाद हिंसा भड़क गई थी। जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। अब इस हिंसा को लेकर मालवानी पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। मुंबई पुलिस ने बताया है कि जांच के दौरान मालवानी पुलिस ने पाया कि रामनवमी में जुलूस पर पथराव की योजना पहले से ही बनाई गई थी। उपनगर मलाड में रामनवमी के जुलूस पर पथराव के मामले में आरोपियों ने कथित तौर पर एक मस्जिद के पास बैठकर हिंसा की साजिश रची थी। एक अधिकारी ने बताया कि हिंसा के मामले की जांच कर रही मालवानी पुलिस की एक टीम ने दो अप्रैल को मालवणी पुलिस थाने के एक आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के अधिकारी और एक अन्य पुलिसकर्मी के बयान दर्ज किए। उन्होंने कहा कि दोनों पुलिस कर्मियों ने अपने बयानों में पुलिस को बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी और वांछित लोगों द्वारा हिंसा की गई थी। इस मामले में जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें से एक ने अपने साथी के साथ मिलकर ये योजना बनाई थी। उसका साथी फरार है। जांच में यह भी पाया गया है कि दोनों ने दंगों के इरादे से मस्जिद के पास सवेरा हाइट बिल्डिंग के पास भीड़ जमा की थी। इस दौरान मुंबई पुलिस ने यह भी बताया कि इस खुलासे के बाद हिंसा की घटना के संबंध में दर्ज की गई मूल एफआईआर में धारा 120 (बी) को बढ़ाया गया है। साथ ही एफआईआर में आपराधिक साजिश के आरोपों को जोड़ने के बारे में अदालत को भी सूचित किया गया है। इससे पहले, पुलिस ने 353 (सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 324 (स्वेच्छा से खतरनाक हथियारों या साधनों से चोट पहुंचाना), 145, 147 (दंगा) और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं और सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि तनाव 30 मार्च को तब शुरू हुआ था जब जुलूस मालवणी इलाके में मस्जिदों के आसपास से गुजर रहा था और उसमें तेज डीजे बजने पर विवाद हुआ था। एफआईआर के मुताबिक, बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और अन्य हिंदू संगठनों द्वारा आयोजित इस रामनवमी जुलूस में 6,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया था।
पुलिस अधिकारी ने एफआईआर के हवाले से बताया कि शोभायात्रा दोपहर बाद राम जानकी मंदिर से शुरू हुई थी। बाद में शाम करीब साढ़े सात बजे, जब शोभायात्रा जामा मस्जिद की ओर बढ़ रही थी तब 100 से 150 लोगों ने संगीत की तेज आवाज पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि मस्जिद में नमाज चल रही है ऐसे में तेज आवाज में डीजे और संगीत बंद किया जाए। उन लोगों के मना करने के बावजूद आवाज कम नहीं की गई। इसी दौरान आपत्ति जताने वाले लोगों में से एक ने कथित तौर पर जुलूस पर पत्थर फेंका। हालांकि उस दौरान सुरक्षा के लिए तैनात पुलिसकर्मियों ने तुरंत पत्थर फेंकने वाले व्यक्ति को हिरासत में ले लिया। एफआईआर में आगे बताया गया है कि इसके बाद जब जुलूस रात करीब 8:45 बजे अली हजरत मस्जिद के पास था, तब 200 से 250 लोगों की भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। जिसके बाद हिंसा भड़क उठी।
20 से ज्यादा लोग गिरफ्तार
मुंबई पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि मालवानी इलाके में हुई इस घटना के सिलसिले में अब तक 20 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।साथ ही 200 से अधिक लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
मालवानी इलाके में हुई हिंसा थी पूर्व नियोजित, मुंबई पुलिस ने एफआईआर में बढ़ाई धाराएं
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