मुंबई में बीते पांच दिनों से जारी वॉटर टैंकर एसोसिएशन की हड़ताल ने अब जल आपूर्ति को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। ऐसोसिएशन की ओर से दावा किया गया है कि हड़ताल के कारण कई होटल, क्लब, मॉल व हाउसिंग सोसाइटी में जल संकट खड़ा हो गया है। बता दें, केंद्रीय भूजल प्राधिकरण के नए दिशानिर्देशों के विरोध में ऐसोसिएशन के करीब 2500 टैंकर चालक हड़ताल पर चले गए हैं। ऐसोसिएशन की मांग है कि वह बिना लिखित आश्वासन के अपना धरना समाप्त नहीं करेंगे। दरअसल, मुंबई में केंद्रीय भूजल प्राधिकरण के दिशानिर्देशों के लिए टैंकर संचालकों के लिए लाइसेंस व राजस्व का भुगतान अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा निजी टैंकर मालिकों के पास भूमिगत जल निकालने के लिए 2,000 वर्ग फुट का भूमि पार्सल होना चाहिए। दिशानिर्देश यह भी कहते हैं कि टैंकर मालिकों और आपूर्तिकर्ताओं को सुरक्षा जमा के रूप में स्थानीय प्रशासन को 6,50,000 रुपये का भुगतान करना होगा और पांच से अधिक टैंकर एक विशिष्ट बिंदु से पानी नहीं खींच सकते हैं। प्राधिकरण के नए दिशानिर्देशों का पालन न करने वालों के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। इसके जवाब में मुंबई वाटर टैंकर एसोसिएशन के प्रवक्ता अंकुर शर्मा का कहना है कि टैंकर संचालक लाइसेंस और राजस्व देने के लिए तैयार हैं, लेकिन वे इसके अलावा प्राधिकरण की कोई शर्त नहीं मानेंगे। ऐसोसिएशन का का कहना है कि प्राधिकरण की शर्तें व्यवहारिक नहीं हैं। एसोसिएशन का कहना है कि उसके लिए यह करो या मरो की स्थिति है। सीजीडब्ल्यूए के उपायों के कार्यान्वयन और मुंबई पुलिस और बृहन्मुंबई नगर निगम के कारण हमें अपने कारोबार बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
मुंबई में वॉटर टैंकर एसोसिएशन की हड़ताल, पानी के लिए जूझ रहे होटल-मॉल और हाउसिंग सोसाइटी
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