अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर की भव्य प्राण प्रतिष्ठा होनी है। इसी ऐतिहासिक दिन को नवनिर्मित मंदिर में रामलला विराजमान होंगे। इस मौके पर सियासत से लेकर खेल और अध्यात्म से जुड़ी तमाम हस्तियों को कार्यक्रम में आने का न्योता मिला है।हालांकि, कांग्रेस के अलावा भी विपक्ष के कई नेताओं ने निमंत्रण को ठुकरा दिया है। कांग्रेस के आधिकारिक एलान के बाद देश की सियासत एक बार फिर गर्म हो गई है। भाजपा ने कांग्रेस को राम विरोधी पार्टी करार देते हुए हमला किया। वहीं, कांग्रेस ने पलटवार कर कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी ने राम मंदिर के अभिषेक समारोह को पूरी तरह से राजनीतिक कार्यक्रम बना दिया है। इसके अलावा जानकारी आई है कि, राहुल गांधी के नेतृत्व वाली भारत जोड़ो न्याय यात्रा को राज्य की राजधानी इंफाल के बजाय 14 जनवरी को मणिपुर के थौबल जिले के एक निजी मैदान से हरी झंडी दिखाई जाएगी।
राम मंदिर के अभिषेक समारोह को राजनीतिक कार्यक्रम बनाया
कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि राम मंदिर के अभिषेक समारोह को राजनीतिक कार्यक्रम बना दिया है, जो शंकराचार्यों की सलाह लिए बिना और धार्मिक प्रक्रियाओं की अवहेलना करके आयोजित किया जा रहा है। देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी का यह भी कहना है कि धर्म एक व्यक्तिगत मामला है। राम के दर्शन करने के लिए अयोध्या जाने के लिए हर इंसान स्वतंत्र है। कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि धार्मिक प्रक्रियाओं को ध्यान में रखते हुए अभिषेक समारोह आयोजित नहीं किया जा रहा है। यह सवाल करते हुए कि क्या समारोह शंकराचार्यों की सलाह पर धार्मिक प्रक्रियाओं को ध्यान में रखते हुए आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी चार शंकराचार्यों ने कहा है कि ‘अधूरे मंदिर’ का अभिषेक समारोह नहीं किया जा सकता। खेड़ा ने आगे कहा, ‘मैं एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं को मेरे और मेरे भगवान के बीच बिचौलिया बनने को क्यों बर्दाश्त करूंगा?’ उन्होंने कहा, ‘पहला सवाल यह है कि क्या कोई निमंत्रण के बाद भगवान के मंदिर जाता है। चाहे वह मंदिर हो, चर्च हो या मस्जिद हो, क्या हम निमंत्रण का इंतजार करेंगे। कौन तय करेगा कि किस तारीख को और किस वर्ग के लोग जाएंगे? क्या कोई राजनीतिक दल फैसला करेगा?’ खेड़ा ने आरोप लगाया कि भाजपा के आईटी सेल ने शंकराचार्यों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है। यह कोई धर्म और आस्था नहीं है, यह केवल राजनीति है। उन्होंने कहा, ‘हम जानना चाहते हैं कि इसके लिए तारीख कैसे तय की गई। तारीख का चयन नहीं हुआ है, चुनाव देख कर तारीख तय की गई है। उन्होंने कहा, ‘एक व्यक्ति के राजनीतिक तमाशे को हम अनुमति नहीं दे सकते। हमारी आस्था और भगवान के साथ किसी को खेलने नहीं देंगे। खेड़ा ने दावा किया कि धार्मिक लोग राम नवमी पर अभिषेक समारोह आयोजित करना चाहते थे। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कोई धार्मिक आयोजन नहीं है बल्कि एक राजनीतिक कार्यक्रम है। कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि भाजपा ने लोगों को जाति, धर्म और भाषा के आधार पर बांटा है। अब वह सनातन धर्म को बांटने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस व्यक्तिगत आस्था को सर्वोपरि मानती है। हम मंदिरों, चर्चों और मस्जिदों में गए हैं और व्यक्तिगत मान्यताओं के अनुसार चलते रहेंगे। श्रीनेत ने कहा कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेताओं ने पहले ही फैसला कर लिया है कि वे 15 जनवरी को ‘दर्शन’ के लिए अयोध्या जाएंगे। मंदिर जाने के लिए किसी पर कोई प्रतिबंध नहीं है। एक व्यक्तिगत निमंत्रण दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम को लेकर बड़े पैमाने पर राजनीतिकरण हो रहा है। इसलिए 22 जनवरी को जाने से मना कर दिया है। हम किसी भी समय जाने के लिए स्वतंत्र हैं।
मणिपुर के थौबल में निजी मैदान से शुरू होगी भारत जोड़ो न्याय यात्रा
कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाली भारत जोड़ो न्याय यात्रा को राज्य की राजधानी इंफाल के बजाय 14 जनवरी को मणिपुर के थौबल जिले के एक निजी मैदान से हरी झंडी दिखाई जाएगी।कांग्रेस की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष कीशम मेघचंद्र ने कहा कि इंफाल के हापता कांगजेइबुंग मैदान से यात्रा शुरू करने की अनुमति मांगी गई थी, लेकिन राज्य सरकार ने कुछ शर्तों के साथ इसे मंजूरी दी। उन्होंने कहा, ‘हमने दो जनवरी को राज्य सरकार को प्रस्ताव दिया था कि इंफाल में हापता कांगजेइबुंग सार्वजनिक मैदान को भारत जोड़ो न्याय यात्रा को हरी झंडी दिखाने की अनुमति दी जाए। हमने यह भी घोषणा की थी कि यात्रा इंफाल से शुरू होगी और मुंबई में समाप्त होगी।’ उन्होंने कहा, ‘हमने इस संबंध में 10 जनवरी को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से मुलाकात की थी, लेकिन हमें बताया गया कि अनुमति नहीं दी जा सकती है। बाद में उसी रात, एक आदेश जारी कर हापता कांगजेइबुंग मैदान के लिए अनुमति दे दी गई। हालांकि, शर्त रखी गई है कि प्रतिभागियों की संख्या सीमित होगी।’ मेघचंद्र ने कहा कि राज्य कांग्रेस की एक टीम ने डीजीपी राजीव सिंह और इंफाल पूर्व के उपायुक्त (डीसी) और एसपी की उपस्थिति में मुख्य सचिव विनीत जोशी से फिर से मुलाकात की। उन्होंने कहा, ‘हमें बताया गया कि आयोजन स्थल पर 1,000 से अधिक लोगों को अनुमति नहीं दी जाएगी। चूंकि अनुमति नहीं दी गई थी, इसलिए हम संदेह में थे। गुरुवार देर रात थौबल डीसी ने जिले के खोंगजोम इलाके में एक निजी भूमि से यात्रा को हरी झंडी दिखाने की अनुमति दी।’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे वहां से यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे। प्रदेश कांग्रेस के एक अन्य नेता ने कहा कि मार्ग में कोई बदलाव नहीं होगा, भले ही आयोजन का स्थान बदलना पड़े। यह यात्रा 14 जनवरी को मणिपुर में शुरू होने के बाद 20 मार्च को मुंबई में समाप्त होगी।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कांग्रेस-भाजपा में रार; थौबल से शुरू होगी भारत जोड़ो न्याय यात्रा
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