जवाहर लाल नेहरू ने आजादी की लड़ाई में लोगों को जागरूक करने के लिए वर्ष 1938 में नेशनल हेराल्ड अखबार की नींव रखी थी। इसका संचालन एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) करता था। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी पर यंग इंडियन लि.(वाईआईएल) कंपनी के जरिये इसी एजेएल की करोड़ों की संपत्ति औने-पौने दाम पर हथियाने के आरोप लगे हैं। नेशनल हेराल्ड अखबार आजादी के बाद भी चलता रहा और दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता, मुंबई आदि में इसकी संपत्तियां भी बढ़ी। हालांकि, बाद में घाटा होने लगा। कांग्रेस से लोन लेकर चल रहा अखबार 2008 में बंद हो गया। उस समय एजेएल पर कांग्रेस का करीब 90 करोड़ रुपये कर्ज था। 2010 में इस देनदारी को नौ करोड़ शेयरों में बदल यंग इंडियन को दे दिया गया। यह एजेएल के 99% शेयर थे। इस प्रकार एजेएल पर कांग्रेस का ऋण खत्म बताया गया। वाईआईएल में 76% हिस्सा सोनिया व राहुल तथा बाकी 24% मोतीलाल वोरा व ऑस्कर फर्नांडिस को मिला।
केंद्र में भाजपा सरकार बनने पर दर्ज हुआ था मामला
साल 2012 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोप लगाया कि एजेएल की करीब 2,000 करोड़ रुपए की संपत्तियों पर वाईआईएल को केवल 50 लाख रुपए में अधिकार दे दिया गया। महज 5 लाख रुपए में बनी वाईआईएल की संपत्ति कुछ ही साल में 800 करोड़ की हो गई। राहुल को 154 करोड़ रुपए का फायदा हुआ। स्वामी ने इसे मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी बताया। 2014 में भाजपा सरकार बनी और अगस्त में ईडी ने सोनिया, राहुल, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे व सैम पित्रोदा पर केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। बचाव में कांग्रेस ने वाईआईएल को मुनाफा न कमाने के उद्देश्य से बनी कंपनी बताया। कहा, एजेएल की कोई संपत्ति वाईआईएल को नहीं दी गई, सभी पर उसका अधिकार कायम है। एजेएल के 9 करोड़ शेयर कांग्रेस का ऋण चुकाने के लिए वाईआईएल को दिए गए। इन शेयर पर कोई लाभांश किसी हिस्सेदार को नहीं मिलता।
राहुल-सोनिया पर AJL की करोड़ों की संपत्ति हथियाने के आरोप; भाजपा सरकार में दर्ज हुआ मामला
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