भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) के सचिव जय शाह की घरेलू क्रिकेट के बजाय आईपीएल को प्राथमिकता देने वाले खिलाड़ियों को जारी चेतावनी के बाद अब पश्चिम बंगाल के स्टार बल्लेबाज मनोज तिवारी का बयान सामने आया है। मनोज तिवारी ने बताया कि उनको लगता है कि बीसीसीआई का यह फैसला उन चिंताओं को दोहराता है जो उन्होंने पहले उठाई थीं। साथ ही यह निर्णय उन खिलाड़ियों पर दबाव डालने के लिए है, जो घरेलू क्रिकेट से ज्यादा इंडियन प्रीमियर लीग को प्राथमिकता दे रहे हैं। दरअसल, मनोज तिवारी ने एक सम्मान समारोह के दौरान घरेलू क्रिकेट के बजाय आईपीएल को प्राथमिकता देने वाले खिलाड़ियों पर दबाव डालने के बीसीसीआई के दृष्टीकोण पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने अपने उस ट्वीट का भी जिक्र किया जिसपर उन्होंने चिंताओं के बारे में बताया था। बता दें कि इस महीने की शुरुआत में, उन्होंने अपने एक्स पर अंपायरिंग और खेलों के शेड्यूल के बारे में अपनी निराशा व्यक्त की थी। उन्होंने यहां तक कह दिया कि रणजी ट्रॉफी को कैलेंडर से हटा देना चाहिए। मनोज ने लिखा, ‘अगले सीजन से रणजी ट्रॉफी को कैलेंडर से हटा देना चाहिए। टूर्नामेंट में कई चीजें गलत हो रही हैं। समृद्ध इतिहास वाले इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट को बचाने के लिए कई चीजों पर ध्यान देने की जरूरत है। यह अपना आकर्षण और महत्व दोनों खो रहा है। बिल्कुल निराश हूं,।’
घरेलू टूर्नामेंट खेलने को लेकर जय शाह का बयान
बता दें, कि जय शाह ने बीसीसीआई के साथ केंद्रीय अनुबंध करने वाले खिलाड़ियों के लिए घरेलू स्तर पर रेड बॉल क्रिकेट अनिवार्य करने की बात कही थी । उन्होंने कहा था कि बीसीसीआई इस मामले में कोई भी बहाना बर्दाश्त नहीं करेगा। शाह ने कहा कि वह मुख्य चयनकर्ता को इस मामले में खुली छूट देने जा रहे हैं और अगर कोई खिलाड़ी फैसले को नहीं मानता है तो वह उस पर सख्त से सख्त कदम उठा सकते हैं। साथ ही आईपीएल खेलने के लिए भी रणजी ट्रॉफी में तीन या चार मैच खेलने पर भी फैसला लिया जा सकता है।
‘लगता है गुस्सा काम आया’; जय शाह की चेतावनी पर बोले मनोज तिवारी; 10 दिन पहले ही निकाली थी भड़ास
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