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वर्धमान ग्रुप के मालिक को लगाया सात करोड़ का चूना, इस स्कैम से बचना है मुश्किल

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डिजिटल अरेस्ट भारत में एक बड़े स्कैम का रूप पकड़ चुका है। इसके शिकार बड़े-बड़े और पढ़े लिख लोग हो रहे हैं। साइबर ठगी का यह नया तरीका सिर्फ पढ़े-लिखे लोगों को ही शिकार बना रहा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इसी स्कैम में वर्धमान ग्रुप के मालिक श्री पॉल ओसवाल (SP ओसवाल) को 7 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया है। डिजिटल अरेस्ट को लेकर सरकारी एजेंसियां लगातार लोगों को अलर्ट कर रही हैं लेकिन लोग ध्यान ही नहीं दे रहे हैं। आइए समझते हैं कि यह स्कैम कैसे हुआ और आप इस स्कैम से कैसे बच सकते हैं। पंजाब पुलिस के मुताबिक बिजनेसमैन SP ओसवाल को साइबर ठगों ने 7 करोड़ रुपये का चूना लगाया है। लुधियाना पुलिस कमिश्ननर कुलदीप सिंह चहल ने बताया कि इस मामले में दो साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया गया है जिनके पास से 5.25 करोड़ रुपये भी बरामद किए गए हैं। इसके अलावा गैंग के सात अन्य लोगों को भी पहचान की गई है। पुलिस के मुताबिक इस गैंग के सभी सदस्य असम और पश्चिंग बंगाल से संबंध रखते हैं। ठगों खुद को सीबीआई ऑफिसर बताते हुए SP ओसवाल को कॉल किया। उसके बाद वीडियो कॉल पर उन्हें एक अरेस्ट वॉरंट दिखाया गया जो कि फर्जी था। इसके बाद ओसवाल को डिजिटल अरेस्ट किया गया यानी वीडियो कॉल पर लगातार बने रहने के लिए कहा गया और केस को खत्म करने के लिए पैसे ट्रांसफर करने के भी आदेश दिए गए। ओसवाल को डराने के लिए ठग ने केंद्रीय जांच एजेंसियों ईडी, सीबीआई, कस्टम का भी नाम लिया।

क्या है डिजिटल अरेस्ट?

डिजिटल अरेस्ट ब्लैकमेल करने का एक एडवांस तरीका है। डिजिटल अरेस्ट स्कैम के शिकार वही लोग होते हैं जो अधिक पढ़े लिखे और अधिक होशियार होते हैं। डिजिटल अरेस्ट का सीधा मतलब ऐसा है कि कोई आपको ऑनलाइन धमकी देकर वीडियो कॉलिंग के जरिए आप पर नजर रख रहा है। डिजिटल अरेस्ट के दौरान साइबर ठग नकली पुलिस अधिकारी बनकर लोगों को धमकाते हैं और अपना शिकार बनाते हैं। ठग लोगों को फोन करके कहते हैं कि वे पुलिस डिपार्टमेंट या इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से बात कर रहे हैं। ये कहते हैं कि आपके पैन और आधार का इस्तेमाल करते हुए तमाम चीजें की खरीदी गई हैं या फिर मनी लॉन्ड्रिंग की गई है। इसके बाद वे वीडियो कॉल करते हैं और सामने बैठे रहने के लिए कहते हैं। इस दौरान किसी से बात करने, मैसेज करने और मिलने की इजाजत नहीं होती।
जानकारी ही है बचाव
यदि आपके पास भी इस तरह की धमकी वाले फोन कॉल आते हैं तो आपको डरने की जरूरत नहीं है। ऐसे कॉल आने पर तुरंत पुलिस में शिकायत करें। यदि कोई मैसेज या ई-मेल आता है तो उसे सबूत के तौर पर पुलिस को दें। यदि किसी कारण आपने कॉल रिसीव कर लिया और आपको वीडियो कॉल पर कोई धमकी देने लगा तो स्क्रीन रिकॉर्डिंग के जरिए वीडियो कॉल को रिकॉर्ड करें और शिकायत करें। किसी भी कीमत पर डरें नहीं और पैसे तो बिलकुल भी ना भेजें।
किसी भी अनजान कॉल पर भरोसा ना करें।
कोई कॉल करके धमकाता है तो डरें नहीं, बल्कि डटकर सामना करें, क्योंकि यदि आपने कोई पार्सल मंगवाया ही नहीं है तो फिर डरने की जरूरत नहीं है।
अपनी निजी जानकारी जैसे घर का एड्रेस, बैंक अकाउंट की डीटेल, आधार कार्ड, पैन कार्ड की जानकारी ना दें।
इस तरह के कॉल की शिकायत तुरंत किसी पुलिस थाने में करें।