विदेश मंत्री एस. जयशंकर पांच दिन की रूस यात्रा पर सोमवार को मॉस्को पहुंचे। जयशंकर ने यहां रूस के प्रमुख रणनीतिकार के साथ बैठक की। इस दौरान उनके बीच कनेक्टिविटी, बहुपक्षवाद, बड़ी ताकतों के बीच प्रतिस्पर्धा और क्षेत्रीय संघर्षों के मुद्दों पर चर्चा हुई। उन्होंने पुनर्संतुलन के महत्व और उभरते विभिन्न ध्रुवों के बारे में भी बात की। जयशंकर ने एक्स पर तस्वीर के साथ एक पोस्ट में कहा, ‘मॉस्को पहुंच गया हूं। मैं अपनी व्यस्तताओं को लेकर उत्सुक हूं।’ एक अन्य पोस्ट में जयशंकर ने कहा कि उन्होंने रूसी रणनीतिक समुदाय के प्रमुख प्रतिनिधियों से बातचीत की है और उनसे कनेक्टिविटी, बहुपक्षवाद, बड़ी शक्ति प्रतिस्पर्धा और क्षेत्रीय संघर्षों पर चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘रूसी रणनीतिक समुदाय के प्रमुख प्रतिनिधियों के साथ खुली बातचीत हुई। पुनर्संतुलन के महत्व और बहुध्रुवीयता के उद्भव के बारे में बात हुई।’ उन्होंने कहा, ‘भू-राजनीति और रणनीतिक तालमेल हमेशा भारत-रूस संबंधों को सकारात्मक दिशा में ले जाते रहेंगे।’
विदेश मंत्रालय ने कही ये बात
विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा, ‘समय की कसौटी पर खरी उतरी भारत-रूस साझेदारी स्थिर और टिकाऊ बनी हुई है और यह विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की भावना की विशेषता बनी हुई है।’ मंत्रालय ने कहा, ‘दोनों देशों के लोगों के बीच मजबूत संबंधों और सांस्कृतिक संबंधों पर फोकस करते हुए विदेश मंत्री मास्को और सेंट पीटर्सबर्ग में कार्यक्रम में शामिल होंगे।’ दोनों पक्षों के द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं, विशेष रूप से व्यापार, ऊर्जा, रक्षा और कनेक्टिविटी के क्षेत्रों पर चर्चा करने की उम्मीद है। यूक्रेन पर मॉस्को के हमले के बावजूद भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत बने रहे। कई पश्चिमी देशों में इसे लेकर बेचैनी बढ़ी है। इसके बावजूद भारत का रूसी कच्चे तेल का आयात काफी बढ़ा है। भारत ने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की अभी तक निंदा नहीं की है। नई दिल्ली का कहना है कि संकट को कूटनीति और बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जयशंकर अपनी यात्रा के दौरान रूसी उप प्रधानमंत्री और उद्योग व व्यापार मंत्री डेनिस मंतुरोव से मुलाकात करेंगे और दोनों देशों के बीच आर्थिक जुड़ाव के मुद्दे पर चर्चा करेंगे। वह अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से भी मिलेंगे और उनके बीच द्विपक्षीय, बहुपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर बातचीत करेंगे।