महाराष्ट्र विधानसभा में शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी विपक्षी नेताओं का हंगामा जारी रहा। सभी नेताओं ने शिंदे सरकार पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया और इस्तीफे की मांग की। बंबई हाईकोर्ट की नागपुर पीठ द्वारा एकनाथ शिंदे की ओर से लिये गए एक फैसले पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश देने की पृष्ठभूमि में विपक्षी दलों के विधायकों ने मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की। बता दें कि महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार में मंत्री रहे एकनाथ शिंदे ने झुग्गीवासियों को दी जाने वाली भूमि को कथित तौर पर 16 लोगों को पट्टा पर आवंटित करने का निर्देश दिया था। अदालत ने शिंदे के इस फैसले पर रोक लगा दी थी और सुनवाई के दौरान कहा था कि मामला लंबित होने के बादजूद इस भूमि को पट्टा पर देने का फैसला कैसे लिया गया। अदालत ने सरकार को आदेश दिया कि इस मामले में वह अपना पक्ष रखे। न्याय मित्र अधिवक्ता आनंद परचुरे ने 14 दिसंबर को हाईकोर्ट की एक पीठ को बताया था कि एकनाथ शिंदे ने एमवीए सरकार के शहरी विकास मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान एनआईटी को झुग्गी निवासियों की आवास योजना के लिए अधिग्रहित भूमि को अन्य 16 लोगों को देने का निर्देश दिया था। उद्धव ठाकरे गुट के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि हम कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा मुद्दे पर राज्य विधानसभा में चर्चा चाहते हैं। हम जानना चाहते हैं कि दिल्ली में हुई बैठक में महाराष्ट्र के सीएम ने क्या कहा? कर्नाटक के सीएम इस मुद्दे पर आक्रामक हैं लेकिन हमारे सीएम डर के कारण इस बारे में बात नहीं करना चाहते।
विपक्ष ने सरकार पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप, मांगा सीएम शिंदे का इस्तीफा
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