छोटे परदे की लोकप्रिय अभिनेत्री नूपुर अलंकार ने अचानक एक्टिंग छोड़कर आध्यात्म की राह चुन ली है। नुपूर ने अपने गुरु शंभू शरण झा के मार्गदर्शन में पूरी तरह से संन्यासी जीवन को अपना लिया है। इस बारे में तहकीकात करने पर पता चला है कि नुपूर का हिंदी मनोरंजन जगत से मोह पूरी तरह टूट चुका है और हाल में ही उनके परिवार में घटी कुछ घटनाओं ने उनका ध्यान पूरी तरह से ईश्वर की तरफ लगा दिया है। नूपुर अलंकार के बारे में पता चला है कि वह काफी समय से अपने गुरु शंभू शरण झा के सामवेद ट्रस्ट से जुड़ कर ट्रस्ट के उत्थान में अपना योगदान देती रही है। ट्रस्ट द्वारा आयोजित योग शिविर में वह सक्रिय रूप से भाग लेती रही है। जब उन्होंने देखा ने उनके गुरु शंभू शरण झा के मार्गदर्शन और योग की वजह से कई असाध्य रोग ठीक हो रहे हैं, तो धीरे धीरे उनका झुकाव समाज सेवा की तरह हुआ। योग और अध्यात्म का महत्व समझ में आया। नूपुर अलंकार सिने एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन (सिन्टा) की सक्रिय सदस्य भी रही है और सिंटा के कार्यकारिणी की सदस्य भी रह चुकी है। इस दौरान उन्होंने कई कलाकारों की समस्याओं का निवारण किया। उनको लोगो की मदद करके बहुत खुशी मिलती थी। लॉकडाउन के समय जब उनकी मां बीमार हुई तो नूपुर अलंकार ने लोगों से आर्थिक मदद के लिए गुहार लगाई थी। लोगों ने उन्हें क्राउड फंडिंग के जरिए मदद भी पहुंचाई। उस समय नूपुर अलंकार के पास अपनी मां के इलाज के लिए पैसे नहीं थे।
तमाम कोशिशें करके भी नुपूर अपनी मां को नहीं बचा पाई और उनकी मां की मृत्यु हो गई। नूपुर अलंकार कहती है, ‘इस घटना ने मुझे अंदर से हिलाकर रख दिया। मुझे समझ में आ गया कि जीवन में अब कुछ नहीं, मुझमें अब किसी भी चीज को खोने का भय नहीं रहा।’ उम्र की 49 पायदान पर पहुंच चुकी नूपुर अलंकार अब तक ‘शक्तिमान’, ‘घर की लक्ष्मी बेटियां’, ‘दिया और बाती हम’ जैसे कई धारावाहिकों के अलावा ‘राजाजी’, ‘सावरिया’, ‘सोनाली केबल’ जैसी कई फिल्मों में काम कर चुकी है। नूपुर अलंकार कहती हैं, ‘इतना कुछ काम करने के बाद मेरे जीवन में अभिनय के लिए अब कोई जगह नहीं बचा। आध्यात्मिक जीवन की तरफ मेरा शुरू से ही झुकाव था । मैंने जरूरतमंदों की सहायता करने का निर्णय किया और फरवरी में संन्यासी जीवन अपना लिया।’ साल 2002 में नूपुर ने अलंकार श्रीवास्तव से शादी की थी। अपने पति और सास की रजामंदी से ही उन्होंने संन्यास लेने का निर्णय लिया है। मुंबई स्थित अपने फ्लैट को नुपूर ने किराये पर दे दिया है। इस समय वह हिमालय की यात्रा पर हैं। नुपुर कहती है, ‘अपने गुरु शंभू शरण झा का मार्गदर्शन पाकर खुद को धन्य महसूस कर रही हूं।’