#BREAKING LIVE :
मुंबई हिट-एंड-रन का आरोपी दोस्त के मोबाइल लोकेशन से पकड़ाया:एक्सीडेंट के बाद गर्लफ्रेंड के घर गया था; वहां से मां-बहनों ने रिजॉर्ट में छिपाया | गोवा के मनोहर पर्रिकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरी पहली फ्लाइट, परंपरागत रूप से हुआ स्वागत | ‘भेड़िया’ फिल्म एक हॉरर कॉमेडी फिल्म | शरद पवार ने महाराष्ट्र के गवर्नर पर साधा निशाना, कहा- उन्होंने पार कर दी हर हद | जन आरोग्यम फाऊंडेशन द्वारा पत्रकारो के सम्मान का कार्यक्रम प्रशंसनीय : रामदास आठवले | अनुराधा और जुबेर अंजलि अरोड़ा के समन्वय के तहत जहांगीर आर्ट गैलरी में प्रदर्शन करते हैं | सतयुगी संस्कार अपनाने से बनेगा स्वर्णिम संसार : बीके शिवानी दीदी | ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आरती त्रिपाठी हुईं सम्मानित | पत्रकार को सम्मानित करने वाला गुजरात गौरव पुरस्कार दिनेश हॉल में आयोजित किया गया | *रजोरा एंटरटेनमेंट के साथ ईद मनाएं क्योंकि वे अजमेर की गली गाने के साथ मनोरंजन में अपनी शुरुआत करते हैं, जिसमें सारा खान और मृणाल जैन हैं |

‘शिव की बारात’ का यूं ही नहीं राहुल ने किया जिक्र, अभिमन्यु-चक्रव्यूह और अर्जुन से साधेंगे सियासी रण

88

सावन का महीना और सोमवार का दिन…ऊपर से ‘शिव की बारात’। सदन में सोमवार को राहुल गांधी ने ‘चक्रव्यूह’ वर्सेस ‘शिव की बारात’ का जिक्र कर नेता प्रतिपक्ष ने सियासी तौर पर कई बड़े सियासी संदेश दे डाले। खासतौर से सावन के महीने में शिव की बारात का जिक्र कर राहुल गांधी ने एक बड़े तबके को साधने की कोशिश की है। इसके साथ ही राहुल ने ‘अभिमन्यु’, ‘चक्रव्यूह’ और ‘अर्जुन’ के सहारे हरियाणा के सियासत में मजबूत फील्डिंग सजाने का भी स्पष्ट इशारा कर दिया। इससे पहले भी राहुल गांधी सदन के भीतर शिव के पोस्टर को लहरा चुके हैं। सियासी जानकारों की मानें तो राहुल गांधी ने सदन में शिव की बारात का जिक्र कर अगड़ी जातियों को पूरी तरीके से साधने का न सिर्फ संदेश दिया है, बल्कि चर्चा इस बात की हो रही है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस पार्टी अपनी सियासी बिसात भी इसी तर्ज पर बिछाने वाली है। नेता विपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को करीब 45 मिनट के अपने भाषण में जिस तरीके से चक्रव्यूह बनाम शिव की बारात का जिक्र किया, वह कांग्रेस के लिए सियासी तौर पर बहुत उपजाऊ माना जा रहा है। दरअसल राहुल गांधी लगातार भारत जोड़ो यात्रा से लेकर न्याय यात्रा के दौरान देश के पिछड़ों आदिवासियों और दलितों की बात करते आए हैं। राजनीतिक जानकार और वरिष्ठ पत्रकार उपेंद्र शुक्ला कहते हैं कि हाल में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस पार्टी को इन यात्राओं का लाभ भी मिला है। लेकिन बीते चुनाव में कांग्रेस जिन अगड़ों को अपने साथ जोड़कर हमेशा से सत्ता में आती थी, वह उससे थोड़ा दूरी बनाए हुए था। उपेंद्र कहते हैं कि कांग्रेस दलित, पिछड़ों और आदिवासियों की बात कर खुद को उनसे कनेक्ट तो कर रही है, लेकिन अगड़ों खास तौर से सवर्णों की सियासत में वह थोड़ा पीछे हो जाती है। लेकिन सदन में जिस तरीके से राहुल गांधी लगातार कभी शिव की बारात तो कभी शिव के पोस्टर को उठाते हैं, उसके सियासी निहितार्थ मजबूती से निकल रहे हैं। शुक्ल कहते हैं कि सोमवार को जिस तरीके से राहुल गांधी ने सदन में “शिव की बारात” का जिक्र किया, उससे दो तरह से सियासी फील्डिंग मजबूत हुई है। पहले तो उनके गठबंधन में शामिल सभी दलों को एक साथ रखने का भी शिव की बारात से सीधा संबंध माना जा रहा है। उपेंद्र कहते हैं जिस तरीके से अपने भाषण में राहुल गांधी ने शिव की बारात का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें सभी लोग शामिल हो सकते हैं। इसका सीधा-सीधा निहितार्थ उन सभी सियासी दलों से है, जो इंडिया ब्लॉक के साथ जुड़े हुए हैं और अपनी बात अपने राजनीतिक एजेंडा के अनुसार रख सकते हैं और कह सकते हैं। इसके अलावा दूसरा और सबसे महत्वपूर्ण पहलू शिव की बारात का जिक्र उन अगड़ी जातियों के साथ खुद को कनेक्ट करने वाला है, जो शिव में अपनी आस्था रखते हैं। राजनीतिक विश्लेषक जेएस सिंह कहते हैं कि हाल में ही सावन के महीने में कावड़ यात्रा को लेकर जो नेम प्लेट का मामला उठा था, वह भी राहुल गांधी के इन बयानों के साथ सियासी तौर पर सीधे रूप से कनेक्ट हो रहा है। सिंह का मानना है कि भोले के भक्तों में राहुल गांधी एक तरह से शिव की बारात का जिक्र कर कुछ  ऐसा ही कनेक्ट वाला संदेश भी देना चाहते हैं।

हालांकि सियासी गलियारों में चर्चा इस बात की भी हो रही है कि राहुल गांधी सदन में किए गए शिव की बारात के जिक्र के साथ आने वाले विधानसभा के चुनाव में भी पूरी सियासी फील्डिंग तैयार की जाएगी। इसमें पिछड़ों दलितों और आदिवासियों के साथ-साथ सवर्णों को भी मजबूती के साथ जोड़ने का महाअभियान भी चलाया जाना है। कांग्रेस पार्टी से जुड़े सूत्रों की मानें तो उनकी पार्टी लगातार ग्राउंड पर रहकर सभी जाति धर्म के लोगों से लगातार मुलाकात करती आई है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि राहुल गांधी का सदन में शिव की बारात का जिक्र करना और इससे पहले शिव के पोस्टर को लहराना कोई जातिगत सियासी संदेश देने वाला नहीं है। राजनीतिक जानकार जेएस सिंह कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी भले इसको जातिगत सियासी संदेश देने वाला न माने, लेकिन वह यह मानते हैं कि आने वाले दिनों में कांग्रेस पार्टी ‘शिव की बारात’ और ‘शिव के पोस्टर’ समेत ‘अभिमन्यु’, ‘चक्रव्यूह’ और ‘अर्जुन’ के सहारे हरियाणा की सियासत में मजबूत फील्डिंग सजाने वाली हैं।