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सच उजागर करने पर पत्रकार को धमकी हमले में बाल-बाल बचे

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सूचना के बावजूद मौके पर नहीं पहुंचा अदना सा सिपाही

पत्रकार को आशंका भविष्य में हो सकती है कोई भी बड़ी घटना

कानपुर- अपराधियों को खाकी का यदि संरक्षण मिल जाए तो सच कहना और उसे उजागर करना किसी को भी भारी पड़ सकता है।कुछ ऐसा ही हुआ है पत्रकार मुकीम कुरैशी के साथ। कुछ दिन पहले उनके द्वारा प्रकाशित की गई ख़बर से नाराज पुलिस के एक खास मुखबिर/दलाल और अपराधी ने शुक्रवार 10 जुलाई की रात उनके आवास के निकट गम्मू खां का अहाता कर्नलगंज में अपने अपराधिक साथियों के साथ उनपर जानलेवा हमला कर दिया।अप्रत्याशित हमले में पत्रकार बाल-बाल बच गए।खबर लिखकर सच उजागर करने की कीमत उन्हें अप्रत्याशित हमले गालियों और धमकियों के रूप में चुकानी पड़ी।पुलिस ने एनसीआर दर्ज की है छोटे मियां चौकी पुलिस पत्रकार को समझौते के लिए प्रेरित कर रही है।
कर्नलगंज थाना क्षेत्र के अहाता गम्मू खां के निवासी पत्रकार मुकीम कुरैशी ने लॉक डाउन अवधि के दौरान अवैध रूप से जानवरों को खुले में काटे जाने से संबंधित समाचार का प्रकाशन कर सच्चाई से शासन-प्रशासन को रूबरू कराया था।इसी की खुन्नस में शुक्रवार रात घर जाते समय अपराधिक प्रवृत्ति के पुलिस के साथ मुठभेड़ हुआ दलाल ने अपने असलहा बंद साथियों के साथ मुकीम को घेर लिया और गाली गलौज करते हुए जानलेवा हमला कर दिया।शोर सुनकर आसपास के लोग आते दिखाई दिए तो अनस व उसके साथी भविष्य में सबक सिखाने की धमकियां देते हुए भाग गए।
गौरतलब है कि 16 अप्रैल के एक हिंदी दैनिक में मुकीम ने अपराध और अपराधियों की संरक्षक बनी खाकी शीर्षक से खबर का प्रकाशन किया था इस समाचार में कर्नलगंज थाने के दलाल एवं आपराधिक मानसिकता के युवक अनस की करतूतों का पर्दाफाश किया गया था। खबर में यह बताने की कोशिश की गई थी कि अनस और उसके गुर्गे लाक डाउन में अंधी कमाई के फेर में किस तरह अवैध रूप से जानवरों का कटान कर रहे हैं।खबर पर गंभीरता व्यक्त करते हुए तत्कालीन एडीजी व आईजी मोहित अग्रवाल में कर्नलगंज पुलिस को जानवरों के नाजायज कटान पर अंकुश पाने तथा दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
अप्रत्याशित हमले में बाल-बाल बचे मुकीम कुरैशी ने घर पहुंचकर मोबाइल फोन के द्वारा कर्नलगंज पुलिस को सूचना दी,किंतु थाने से एक अदना सिपाही भी मौके पर नहीं पहुंचा,जिससे हमलावरों के हौसले बुलंद हैं,बाद में पत्रकार की तहरीर पर पुलिस ने असंज्ञेय अपराध(एन सी आर)दर्ज कर अपने कर्तव्य व जिम्मेदारियों की इतिश्री कर ली।पत्रकार मुकीम कुरैशी ने आशंका व्यक्त की है कि पुलिस का यदि ऐसा ही रवैय्या रहा तो भविष्य में उनके तथा उनके परिवार के साथ कोई भी बड़ी घटना घटित हो सकती है।

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