भारत और वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट और वनडे सीरीज के लिए टीम इंडिया का एलान कर दिया गया है। दोनों प्रारुपों में रोहित शर्मा ही टीम का नेतृत्व करते नजर आएंगे। वहीं अजिंक्य रहाणे टेस्ट टीम में और हार्दिक पांड्या वनडे टीम में उपकप्तान की भूमिका निभाएंगे। विंडीज दौरे पर भारतीय टीम दो टेस्ट, तीन वनडे और पांच टी20 खेलेगी। इसी दौरे के साथ भारत का अगले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप 2023-2025 का चक्र भी शुरु हो जाएगा।
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में खराब प्रदर्शन के कारण चेतेश्वर पुजारा को टेस्ट टीम में नहीं चुना गया है। पुजारा ने फरवरी 2019 से लेकर अब तक टेस्ट की 35 पारियों में 29.98 की साधारण औसत से 1769 रन बनाए हैं, जिसमें एक शतक शामिल है। हालांकि, पूर्व बल्लेबाज सुनील गावस्कर का मानना है कि पुजारा को सिर्फ बलि का बकरा बनाया जा रहा है। किसी एक मैच के प्रदर्शन से आप किसी की काबिलियत का अंदाजा नहीं लगा सकते, वह अभी भी टेस्ट मैच में बहुत योगदान दे सकते हैं। गावस्कर ने कहा “उन्हें क्यों निकाला गया है, क्यों उन्हें बाकी बल्लेबाजों की नाकामी के लिए बलि का बकरा बनाया जा रहा है। वह भारतीय क्रिकेट के एक ईमानदार और शांति प्रिय खिलाड़ी हैं, एक वफादार और सफल खिलाड़ी हैं, लेकिन फर्क केवल इतना है कि बाकी खिलाड़ियों की तरह उनके लाखों करोड़ों समर्थक नहीं हैं जो उनके टीम से बाहर होने पह शोर मचाएं या उनके लिए आवाज उठाएं, इसलिए आपने उन्हें बाहर निकाला है। यह मेरी समझ से बिलकुल बाहर है। उन्हें किस आधार पर बाहर किया गया है और किस आधार पर बाकी खिलाड़ियों को रखा गया है, जिन्होंने प्रदर्शन नहीं किया। मुझे नहीं पता क्योंकि आजकल चयन समिति अध्यक्ष की मीडिया से कोई भी वार्तालाप नहीं होती है।” सुनील गावस्कर को विश्वास है कि चेतेश्वर पुजारा को केवल उनकी उम्र के आधार पर टीम से नहीं निकाला जा सकता। गावस्कर ने यह भी कहा कि पुजारा अकेले खिलाड़ी नहीं थे, जिन्होंने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में प्रदर्शन नहीं किया था। पहली पारी में भारत के शीर्ष चार बल्लेबाज मात्र 71 के स्कोर पर पवेलियन लौट गए थे। भले ही पुजारा ने दोनों पारियों में 14 और 27 रन बनाए हों पर वह अकेले खिलाड़ी थे जो वहां जूझ रहे थे। अजिंक्य ही ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने 50 रन का आंकड़ा पार किया था। गावस्कर ने कहा “वह काउंटी क्रिकेट खेलते आ रहे हैं, इसका मतलब उन्होंने काफी टेस्ट मैच खेले हैं और उन्हें पता है यह किस बारे में हैं। आजकल अगर खिलाड़ी रन बना रहे हैं तो खिलाड़ी 39-40 की उम्र तक खेल सकते हैं ,मुझे नहीं लगता की उनकी उम्र कोई कारण है। रहाणे को छोड़कर पूरी बल्लेबाजी असफल रही थी, तो केवल पुजारा पर ही क्यों सारी असफलता थोपी जा रही है। यह चयनकर्ताओं को स्पष्ट करना होगा।” इसके अलावा यह भी देखने वाली बात होगी कि युवा ऋतुराज गायकवाड़, यशस्वी जायसवाल और तेज गेंदबाज मुकेश कुमार टेस्ट में कैसा प्रदर्शन करते हैं। केएस भरत और ईशान किशन टेस्ट में भारत के विकेटकीपर होंगे। मोहम्मद शमी को टेस्ट और वनडे दोनों टीम से आराम दिया गया है। अश्विन, जडे़जा और अक्षर पर स्पिन का दारोमदार होगा। वहीं, शार्दुल, मुकेश, सिराज, उनादकट और नवदीप पर तेज गेंदबाजी की जिम्मेदारी होगी।
टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम
रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल, ऋतुराज गायकवाड़, विराट कोहली, यशस्वी जायसवाल, अजिंक्य रहाणे (उपकप्तान), केएस भरत (विकेटकीपर), ईशान किशन (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडे़जा, शार्दुल ठाकुर, अक्षर पटेल , मोहम्मद सिराज, मुकेश कुमार, जयदेव उनादकट, नवदीप सैनी।
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में खराब प्रदर्शन के कारण चेतेश्वर पुजारा को टेस्ट टीम में नहीं चुना गया है। पुजारा ने फरवरी 2019 से लेकर अब तक टेस्ट की 35 पारियों में 29.98 की साधारण औसत से 1769 रन बनाए हैं, जिसमें एक शतक शामिल है। हालांकि, पूर्व बल्लेबाज सुनील गावस्कर का मानना है कि पुजारा को सिर्फ बलि का बकरा बनाया जा रहा है। किसी एक मैच के प्रदर्शन से आप किसी की काबिलियत का अंदाजा नहीं लगा सकते, वह अभी भी टेस्ट मैच में बहुत योगदान दे सकते हैं। गावस्कर ने कहा “उन्हें क्यों निकाला गया है, क्यों उन्हें बाकी बल्लेबाजों की नाकामी के लिए बलि का बकरा बनाया जा रहा है। वह भारतीय क्रिकेट के एक ईमानदार और शांति प्रिय खिलाड़ी हैं, एक वफादार और सफल खिलाड़ी हैं, लेकिन फर्क केवल इतना है कि बाकी खिलाड़ियों की तरह उनके लाखों करोड़ों समर्थक नहीं हैं जो उनके टीम से बाहर होने पह शोर मचाएं या उनके लिए आवाज उठाएं, इसलिए आपने उन्हें बाहर निकाला है। यह मेरी समझ से बिलकुल बाहर है। उन्हें किस आधार पर बाहर किया गया है और किस आधार पर बाकी खिलाड़ियों को रखा गया है, जिन्होंने प्रदर्शन नहीं किया। मुझे नहीं पता क्योंकि आजकल चयन समिति अध्यक्ष की मीडिया से कोई भी वार्तालाप नहीं होती है।” सुनील गावस्कर को विश्वास है कि चेतेश्वर पुजारा को केवल उनकी उम्र के आधार पर टीम से नहीं निकाला जा सकता। गावस्कर ने यह भी कहा कि पुजारा अकेले खिलाड़ी नहीं थे, जिन्होंने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में प्रदर्शन नहीं किया था। पहली पारी में भारत के शीर्ष चार बल्लेबाज मात्र 71 के स्कोर पर पवेलियन लौट गए थे। भले ही पुजारा ने दोनों पारियों में 14 और 27 रन बनाए हों पर वह अकेले खिलाड़ी थे जो वहां जूझ रहे थे। अजिंक्य ही ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने 50 रन का आंकड़ा पार किया था। गावस्कर ने कहा “वह काउंटी क्रिकेट खेलते आ रहे हैं, इसका मतलब उन्होंने काफी टेस्ट मैच खेले हैं और उन्हें पता है यह किस बारे में हैं। आजकल अगर खिलाड़ी रन बना रहे हैं तो खिलाड़ी 39-40 की उम्र तक खेल सकते हैं ,मुझे नहीं लगता की उनकी उम्र कोई कारण है। रहाणे को छोड़कर पूरी बल्लेबाजी असफल रही थी, तो केवल पुजारा पर ही क्यों सारी असफलता थोपी जा रही है। यह चयनकर्ताओं को स्पष्ट करना होगा।” इसके अलावा यह भी देखने वाली बात होगी कि युवा ऋतुराज गायकवाड़, यशस्वी जायसवाल और तेज गेंदबाज मुकेश कुमार टेस्ट में कैसा प्रदर्शन करते हैं। केएस भरत और ईशान किशन टेस्ट में भारत के विकेटकीपर होंगे। मोहम्मद शमी को टेस्ट और वनडे दोनों टीम से आराम दिया गया है। अश्विन, जडे़जा और अक्षर पर स्पिन का दारोमदार होगा। वहीं, शार्दुल, मुकेश, सिराज, उनादकट और नवदीप पर तेज गेंदबाजी की जिम्मेदारी होगी।
टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम
रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल, ऋतुराज गायकवाड़, विराट कोहली, यशस्वी जायसवाल, अजिंक्य रहाणे (उपकप्तान), केएस भरत (विकेटकीपर), ईशान किशन (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडे़जा, शार्दुल ठाकुर, अक्षर पटेल , मोहम्मद सिराज, मुकेश कुमार, जयदेव उनादकट, नवदीप सैनी।