महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और एनसीपी मुखिया अजित पवार ने कहा है कि महायुति गठबंधन में भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के बीच सीटों के बंटवारे पर पहले चरण की बातचीत हो चुकी है। अजित पवार ने कहा कि वह जल्द ही फिर से इस मुद्दे पर बैठक करेंगे और ये तय करेंगे कि कौन सी सीट किसे मिलेगी। जिसके जीतने की चांस ज्यादा होंगे, उसी पार्टी को चुनाव लड़ाया जाएगा और सीट बंटवारे का आधार भी यही होगा। हाल ही में महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने अपने एक बयान में कहा था कि ‘वह कट्टर शिव सैनिक हैं और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेताओं के साथ उनकी कभी नहीं बनी। भले ही हम कैबिनेट में एक-दूसरे के बगल में बैठें, लेकिन बाहर आने के बाद मुझे उल्टी जैसा महसूस होता है।’ तानाजी सावंत के बयान पर काफी हंगामा हुआ और एनसीपी ने शिवसेना नेता तानाजी सावंत को पद से हटाने की मांग कर डाली। अब इसे लेकर एनसीपी प्रमुख अजित पवार का बयान सामने आया है। अजित पवार ने तानाजी सावंत के बयान पर कहा कि ‘अगर कोई कुछ बोलता है तो मैं उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। अपनी जन सम्मान यात्रा के शुरुआत में ही मैंने सोच लिया था कि मैं इस दौरान किसी पर टिप्पणी नहीं करूंगा। अगर कोई मेरी आलोचना करता है तो मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता। मैं काम करने में विश्वास रखता हूं।’ नागपुर में मीडिया से बात करते हुए अजित पवार ने कहा कि ‘महायुति गठबंधन को लेकर उनकी गृह मंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से बात हुई है। अगर कोई कुछ अलग बोलता है तो मेरी पार्टी के नेता भी बोल सकते हैं। हम ऐसे बयानों को अहमियत नहीं देते और सिर्फ अपना काम करते हैं।’
गठबंधन में सबकुछ ठीक न होने की चर्चा
तानाजी सावंत के बयान के बाद महायुति में सबकुछ ठीक न होने की चर्चाएं चल रही हैं। एनसीपी (एसपी) के प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने कहा कि ‘सावंत की टिप्पणी से पता चलता है कि महायुति को अब एनसीपी की जरूरत नहीं है। आरएसएस के मुखपत्र ने भी भाजपा से पूछा था कि उन्होंने अजित पवार के साथ गठबंधन क्यों किया। भाजपा कैडर भी यही सवाल पूछ रहे हैं।’ क्रैस्टो ने कहा कि ‘अब समय आ गया है जब भाजपा धीरे-धीरे अजित पवार की पार्टी को गठबंधन से बाहर निकाल देगी। गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है और दरारें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। अजित पवार के लिए अब जागने और हालात को समझने का समय आ गया है।’