MCX पर जून डिलीवरी वाला सोना 136 रुपये की गिरावट के साथ खुला लेकिन दिन चढ़ने के साथ इसमें गिरावट कम होती गई। सुबह सवा 10 बजे यह 76 रुपये यानी 0.16 फीसदी की गिरावट के साथ 47557 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर ट्रेड कर रहा था। पिछले सत्र में यह 47633 रुपये पर बंद हुआ था और आज सुबह 47497 रुपये के भाव पर खुला। सुबह के सत्र में इसने 47465 रुपये का न्यूनतम और 47561 रुपये का उच्चतम स्तर छू लिया। अगस्त डिलीवरी वाला सोना भी 87 रुपये की गिरावट के साथ 48090 रुपये पर ट्रेड कर रहा था।
चांदी में भी गिरावट
दूसरी ओर चांदी की कीमतों में भी बुधवार को गिरावट का रुख है। जुलाई डिलीवरी वाली चांदी सुबह सवा 10 बजे 385 रुपये प्रति किलो की गिरावट के साथ 71544 रुपये पर ट्रेड कर रही थी। सुबह के सत्र में इसने 71300 रुपये का न्यूनतम और 71805 रुपये का उच्चतम स्तर छू लिया। सितंबर डिलीवरी वाली चांदी भी 305 रुपये की गिरावट के साथ 72629 रुपये पर ट्रेड कर रही थी।
60,000 रुपये तक जा सकता है सोना
कमोडिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोने में गिरावट निवेशकों और खरीदारों के लिए अच्छा मौका है क्योंकि इसमें आगे तेजी रहने की उम्मीद है। उनका कहना है कि सोने में पिछले कुछ दिनों से तेजी आ रही है और यह 48,000 रुपये के आसपास कुछ गिरावट की उम्मीद की जा रही थी। उनका कहना है कि मिड टर्म में यह 52,000 रुपये और लॉन्ग टर्म में 60,000 रुपये तक जा सकता है। इसी तरह चांदी की कीमत मिड टर्म में 76000 रुपये तक जा सकती है जबकि लॉन्ग टर्म में यह 85,000 रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती है।
पहली तिमाही में सोने की मांग मे तेजी
भारत में सोने की मांग जनवरी- मार्च 2021 तिमाही के दौरान इससे पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 37 प्रतिशत बढ़कर 140 टन पर पहुंच गई। इस दौरान कोविड-19 से जुड़ी सख्ती में राहत मिलने, सोने के दाम नरम पड़ने और दबी मांग निकलने से इस दौरान मांग में तेजी रही। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) ने यह कहा है। डब्ल्यूजीसी के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2020 की पहली तिमाही में कुल मिलाकर सोने की मांग 102 टन रही थी। मूल्य के लिहाज से सोने की मांग पहली तिमाही में 57 प्रतिशत बढ़कर 58,800 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। जो कि एक साल पहले इसी तिमाही में 37,580 करोड़ रुपये रही थी।
स्वर्णाभूषणों की कुल मांग 39 प्रतिशत बढ़ी
जनवरी- मार्च 2020 के दौरान स्वर्णाभूषणों की कुल मांग 39 प्रतिशत बढ़कर 102.5 टन पर पहुंच गई। एक साल पहले यह 73.9 टन रही थी। मूल्य की यदि बात की जाए तो आभूषणों की मांग 58 प्रतिशत बढ़कर 43,100 करोड़ रुपये पर पहुंच गई जो कि इससे पिछले साल 27,230 करोड़ रुपये पर थी। इस दौरान सोने में निवेश मांग 34 प्रतिशत बढ़कर 37.5 टन हो गई जो कि इससे पिछले साल 28.1 टन थी। वहीं मूल्य के लिहाज से यदि बात की जाए तो एक साल पहले के मुकाबले यह 53 प्रतिशत बढ़कर 15,780 करोड़ रुपये पर पहुंच गई जो कि पिछले साल 10,350 करोड़ रुपये रही थी।
2020 में 57000 के पार चला गया था सोने का हाजिर भाव
2020 में सोने के दाम में तगड़ी तेजी आई थी, जिसकी वजह कोरोना वायरस रहा। महामारी की वजह से लोग निवेश का सुरक्षित ठिकाना ढूंढ रहे थे, इस कारण दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने का हाजिर भाव अगस्त 2020 में 57000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार चला गया था। सोने में निवेश हमेशा से ही सुरक्षित रहा है। कोरोना की वजह से शेयर बाजार में लोगों ने निवेश कम कर दिया, क्योंकि शेयर बाजार में निवेश रिस्की होता है। पिछले साल जनवरी-फरवरी में तो सोना धीरे-धीरे बढ़ रहा था, लेकिन मार्च में भारत में कोरोना वायरस की दस्तक के बाद इसने स्पीड पकड़ ली।