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स्कूल जाते वक्त किडनैप हुई पूजा नौ साल बाद मिली, अब परिजनों से मिलीं, खुद को ऐसे पहचाना

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अपहरण के नौ साल से ज्यादा समय बाद एक लड़की आखिरकार अपने परिजनों से मिल गई है। लड़की तब नाबालिग थी, अब 16 साल की है। लड़की को उसके परिजनों से मिलाने में एक जागरूक महिला घरेलू सहायिका ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पुलिस ने यह जानकारी दी। पूजा गौड़ 22 जनवरी 2013 को लापता हो गई थी। इसके बाद उसके परिवार और पुलिस ने उनकी तलाश शुरू कर दी थी। आखिरकार शुक्रवार को वह अपने परिवार से मिल गई। उसका अपहरण करने वाले व्यक्ति को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।  एक पुलिस अधिकारी ने शनिवार को कहा कि हैरानी की बात यह है कि लड़की के अपहरणकर्ता, उसके (लड़की के) मूल परिवार के आसपास ही रहते थे। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अपहरण की घटना 2013 में तब हुई थी जब वह अपने स्कूल जा रही थीं। वह अपने बड़े भाई के साथ चल रही थी, जो उस समय कक्षा चार में पढ़ रहा था। भाई उससे आगे चल रहा था लेकिन कुछ समय बाद जब वह वापस लौटा उसने उसे नहीं पाया। अधिकारी ने बताया, अपने क्लासरूम में जाने के बाद वह (भाई) पूजा के क्लासरूम में गया, जहां उसके टीचर ने उसे बताया कि पूजा वहां नहीं है। फिर वह घर गया और उसने माता-पिता को उसके लापता होने बारे में बताया। वे डीएन नगर पुलिस स्टेशन पहुंचे जिसके बाद शुरुआत में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई। इसके बाद शहर की पुलिस ने पूजा की तलाश शुरू की थी और स्कूल यूनिफॉर्म में उसकी फोटो वाले पोस्ट भी इलाके में बांटे थे। डीएन नगर पुलिस स्टेशन में तब सहायक उप निरीक्षक राजेंद्र भोंसले थे। जो अब सेवानिवृत्त (65 वर्षीय) हो चुके हैं। वह पुलिस स्टेशन में लापता व्यक्तियों के ब्यूरो के प्रभारी थे। लड़की का पता लगाना उनके लिए मिशन बन गया था। पुलिस ने कहा, भोसले हमेशा लड़की की तस्वीर को अपनी जेब में रखते थे लेकिन उसके (लड़की के) ठिकाने का कोई सुराग नहीं मिला। इस बीच, उपनजगर जुहू में काम करने वाली 35 वर्षीय घरेलू सहायिका प्रमिला देवेंद्र की मुलाकात पूजा से हुई, जो पिछले कुछ महीनों से उन्हीं की तरह उसी इलाके में काम करने लगी थी। पुलिस अधिकारी ने बताया,  बातचीत के दौरान पूजा ने एक बार उसे (प्रमिला) बताया कि उसके परिवार के सदस्यों (जो उसके वास्तविक परिजन नहीं थे) द्वारा उसे परेशान किया जा रहा था। उसने बताया था कि उसका अपहरण कर लिया गया। प्रमिला ने तब इंटरनेट पर खोज की कि क्या उसके लापता होने के बारे में कोई समाचार रिपोर्ट है। खोज के दौरान उसे पूजा के बारे में कहानियां और लेख मिले, जिसके बाद उसने डीएन नगर पुलिस स्टेशन को जानकारी दी। डीएन नगर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक मिलिंद खुर्दे ने बताया कि इसके बाद पुलिस हरकत में आई और पूजा से पूछताछ की और पाया कि वह वहीं लड़की है जो सालों पहले लापता हो गई थी। इसके बाद पुलिस ने हैरी डिसूजा और उनकी पत्नी से पूछताछ की, जिनके साथ पूजा पिछले नौ साल से रह रही थी। उन्होंने कहा, “उनसे पूछताछ के दौरान यह पता चला कि डिसूजा ने पूजा का अपहरण कर लिया था क्योंकि दंपति के पास कोई बच्चा नहीं था। अपहरण के बाद उसे (पूजा) मुंबई वापस लाने से पहले कुछ समय के लिए कर्नाटक भेज दिया था।”
डीएन नगर पुलिस ने जुहू गली निवासी डिसूजा और उनकी पत्नी सोनी के खिलाफ भारतीय दंड सहिंता की धारा 363 (अपहरण), 365 (अपहरण का इरादा), 368 (गलत तरीके से बंधक बनाना), 370 (तस्करी), 374 (किसी व्यक्ति को श्रम के लिए अवैध रूप से बाध्य करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। उन्होंने कहा कि डिसूजा को गुरुवार देर रात गिरफ्तार कर लिया गया और 10 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।  पुलिस ने बताया कि शुक्रवार को लड़की को उसके परिवार के सदस्यों- उसकी मां पूनम और 19 वर्षीय भाई रोहित के साथ फिर से मिला दिया गया, जो डिसूजा परिवार से सिर्फ एक किलोमीटर की दरी पर रहते हैं।
पुलिस निरीक्षक खुर्दे ने कहा, “उनका फिर से मिला हमारे लिए बहुत भावनात्मक क्षण था क्योंकि हम लापता लड़की को उसके परिवार से मिलाने में सफल रहे।”

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