प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय मूल्यों पर आधारित शिक्षा समय की मांग है। आर्य समाज विद्यालय इसका केंद्र रहे हैं। देश अब राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से इसका विस्तार कर रहा है। इन प्रयासों से समाज को जोड़ना हमारा दायित्व है।पीएम मोदी ने रविवार को आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती पर गुजरात के मोरबी जिले में उनके जन्मस्थल टंकारा में एक कार्यक्रम को डिजिटल माध्यम से संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय मूल्यों से जुड़ी शिक्षा व्यवस्था आज की बड़ी जरूरत है। आज चाहे लोकल के लिए वोकल का विषय हो, आत्मनिर्भर भारत अभियान हो, पर्यावरण, जल संरक्षण, स्वच्छ भारत अभियान हो, हमारे मिलेट्स-श्रीअन्न को प्रोत्साहन देना हो, योग हो, फिटनेस हो इनमें पढ़ने वाले विद्यार्थी, सब मिल करके एक बहुत बड़ी शक्ति हैं। ये सब बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। पीएम ने कहा कि आर्य समाज के संस्थानों में जो विद्यार्थी हैं, उनमें बड़ी संख्या ऐसे युवाओं की भी है जो 18 वर्ष पार कर चुके हैं। उन सभी का नाम वोटर लिस्ट में हो और वे मतदान का महत्व समझें, ये दायित्व समझना भी वरिष्ठों की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सामाजिक कार्यों के लिए आपके पास भारत सरकार के नवगठित युवा संगठन की शक्ति भी है। देश के इस सबसे बड़े और सबसे युवा संगठन का नाम, मेरा युवा भारत- माई भारत है। दयानंद सरस्वती के सभी अनुयायियों से मेरा आग्रह है कि वे डीएवी शैक्षिक नेटवर्क के सभी विद्यार्थियों को माई भारत से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करें।
हम अपनी युवा शक्ति का जश्न मनाना चाहते हैं…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल क्रिएटर्स अवार्ड पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह क्रिएटर्स समुदाय के लिए बहुत बड़ा अवसर है। यह देशभर में असाधारण प्रतिभाओं को सामने लाएगा। उन्होंने कहा कि हम अपनी युवा शक्ति का जश्न मनाना चाहते हैं। पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म पर देश के नेशनल क्रिएटर्स अवार्ड पर माईजीओवीइंडिया पोस्ट को टैग किया और लोगों से अवार्ड की 20 से अधिक श्रेणियों में खुद को नामित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह हमारे क्रिएटर्स समुदाय के लिए एक शानदार अवसर है। इससे पूरे भारत की असाधारण प्रतिभाएं स्पॉटलाइट में आएंगी। चाहे वे इनोवेशन कर रहे हों, प्रेरित कर रहे हों या बदलाव ला रहे हों, हम अपनी युवा शक्ति का जश्न मनाना चाहते हैं। आगे बढ़ें, हिस्सा लें और देश को प्रतिभाशाली क्रिएटर्स के लिए जयकारे लगाने दें।