संदेशखाली मुद्दे पर बंगाल की राजनीति गरमाई हुई है। हाल ही में भाजपा नेताओं ने बंगाल में बिगड़ती कानून व्यवस्था के मुद्दे पर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की थी। अब टीएमसी ने इस पर तगड़ा पलटवार किया है। टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने भाजपा की राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग पर कहा कि ‘मैं चुनौती देता हूं कि यहां (पश्चिम बंगाल) राष्ट्रपति शासन लगाकर दिखाइए। हमें डराने की कोशिश मत कीजिए। आप चुनी हुई सरकार को हटा सकते हैं, ऐसे बयान अपने तक सीमित रखिए।’ कुणाल घोष ने कहा कि ‘अगर आपमें हिम्मत है तो करके दिखाइए, बस बातें मत करिए। मिथुन चक्रवर्ती का संदेशखाली पर दिया गया बयान आधारहीन है।’ दरअसल भाजपा नेता और केंद्रीय राज्यमंत्री दर्शना जरदोश ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि ‘एक महिला सीएम होते हुए उन्हें (ममता बनर्जी) जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए। राष्ट्रपति शासन लागू होना चाहिए।’ पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले में स्थित संदेशखाली में बीते करीब 10 दिनों से हंगामा चल रहा है। संदेशखाली में महिलाओं ने आरोप लगाए हैं कि टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उसके सहयोगियों ने स्थानीय लोगों की जमीन पर कब्जा कर लिया। कई महिलाओं ने यौन शोषण के भी आरोप लगाए। इसे लेकर महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया और अब भाजपा इस मुद्दे पर टीएमसी को घेरने की कोशिश कर रही है।
मिथुन चक्रवर्ती ने बंगाल सरकार पर उठाए थे सवाल
फिल्म अभिनेता से राजनेता बने मिथुन चक्रवर्ती ने भी संदेशखाली मामले और बंगाल की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘महिलाओं के साथ इससे बुरी चीज कुछ भी नहीं हो सकती। आप इस तरह का गंदा खेल खेल रहे हैं? यह विश्वास से परे है। हम सभी राजनीति करते हैं, लेकिन ये राजनीति से परे हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। हम सभी को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए ताकि कोई और ऐसी परेशानी से न गुजरे।’